Stock Markets: 24 सितंबर को निफ्टी के पहली बार 26,000 के पार जाने के बाद उतार-चढ़ाव भरे कारोबारी में भारतीय इक्विटी इंडेक्स सपाट नोट पर बंद हुए हैं। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 14.57 अंक या 0.02 फीसदी गिरकर 84,914.04 पर और निफ्टी 1.40 अंक या 0.01 फीसदी बढ़कर 25,940.40 पर क्लोज हुआ है। आज लगभग 1871 शेयरों में तेजी आई, 1946 शेयरों में गिरावट आई और 84 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। निफ्टी में सबसे ज्यादा बढ़त टाटा स्टील, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, पावर ग्रिड कॉर्प, टेक महिंद्रा और अडानी एंटरप्राइजेज में देखने को मिली। जबकि निफ्टी के टॉप लूजरों में एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, एचयूएल, ग्रासिम इंडस्ट्रीज, अल्ट्राटेक सीमेंट और श्रीराम फाइनेंस शामिल हैं।
सेक्टोरल इंडेक्सों पर नजर डालें तो मेटल इंडेक्स में 3 फीसदी की तेजी रही। तेल और गैस में 0.6 फीसदी की बढ़त देखने को मिली। पावर इंडेक्स में 1.4 फीसदी की तेजी आई। दूसरी ओर, पीएसयू बैंक, एफएमसीजी और टेलीकॉम में 0.5-1 फीसदी की गिरावट आई। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स सपाट बंद हुए हैं।
प्रोग्रेसिव शेयर्स के निदेशक आदित्य गग्गर का कहना है कि आज के कारोबार में बाजार में तेजी और मंदी दोनों तरह की गतिविधियां देखने को मिलीं। एक धीमी शुरुआत के बाद इंडेक्स में थोड़ा सुधार हुआ और यह एक सीमित दायरे में रहा। इसके बाद आईटी शेयरों ने निफ्टी को 26,000 के मनोवैज्ञानिक रजिस्टेंस को पार करने में मदद की। हालांकि, कारोबारी सत्र के अंत में निफ्टी ने अपनी अधिकांश बढ़ खो दी और 25,940.40 पर बंद हुआ।
आज रिकॉर्ड स्तर पर स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न बना है जो बुल्स और बियर्स के बीच अनिर्णय की स्थिति को दर्शाता है। 26,000 से ऊपर की मजबूत चाल 26,100 के लिए रास्ता खोलेगी। जबकि, निचले स्तर पर निफ्टी के लिए 25,800-25,850 के जोन में मजबूत सपोर्ट दिख रहा है।
एलकेपी सिक्योरिटीज के रूपक डे ने कहा कि तीन दिन की तेजी के बाद आज निफ्टी ने एक सीमित दायरे में कारोबार किया। शॉर्ट टर्म सेंटीमेंट सकारात्मक बना हुआ है।निफ्टी 21-डे ईएमए से ऊपर बना हुआ है। इसे डेली आरएसआई में तेजी के क्रॉसओवर का सपोर्ट हासिल है।
हालांकि, तेजी जारी रखने के लिए निफ्टी को निर्णायक रूप से 26,000 के स्तर से ऊपर जाना होगा। उम्मीद है कि ऐसा होने तक अगले कुछ दिनों तक इंडेक्स 25,800 और 26,000 के बीच उतार-चढ़ाव करता दिखेगा।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के वी के विजयकुमार ने दो खास रुझानों पर प्रकाश डाला। उन्होंने मध्य पूर्व में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव की ओर इशारा करते हुए कहा कि लेबनान पर इजरायली हमलों ने चिंता बढ़ा दी है। इससे कच्चे तेल की कीमतें बढ़ गई हैं। सोने और वोलैटिलिटी इंडेक्स में भी बढ़ोतरी हो रही है, जो चिंता विषय है। विजयकुमार के मुताबिक, इन चुनौतियों के बावजूद बाजार मजबूत बना हुआ है और कुल मिलाकर भावना अभी भी तेजी की ही है।
फिडेंट एसेट मैनेजमेंट की संस्थापक और सीआईओ ऐश्वर्या दाधीच ने मनीकंट्रोल को बताया कि यदि एफआईआई की खरीदारी जारी रही तो दिवाली तक बाजार काफी ऊंचे स्तर पर पहुंच सकता है। दाधीच ने मनीकंट्रोल से कहा कि आम तौर पर दूसरी तिमाही आईटी सेक्टर के लिए सबसे मजबूत तिमाही होती है, लेकिन इस बार उम्मीदें बहुत ज्यादा नहीं हैं। यहां तक कि इंफोसिस और टीसीएस जैसी कंपनियों के भी 1.5-2.5 प्रतिशत के बीच ग्रोथ करने की उम्मीद है, जबकि आमतौर पर इस तिमाही में उनमें 5 फीसदी से 6 फीसदी तक की ग्रोथ होती है। कुछ कंपनियां जो लगातार मजबूत ग्रोथ दिखाती रही हैं, उनके नतीजे भी कमजोर रहने की उम्मीद है। यही वजह है कि बाजार को उम्मीद है कि निफ्टी आईटी के लिए दूसरी तिमाही कमजोर रहेगी, जिससे आईटी शेयरों में कमजोरी आएगी।
मेहता इक्विटीज के प्रशांत तापसे ने कहा कि फेड द्वारा ब्याज दरों में पहली कटौती के बाद अब बाजार का फोकस इस शुक्रवार को आने वाले अमेरिकी पीसीई महंगाई के आंकड़ों पर है। हालांकि निफ्टी के 25000-26500 के बीच कारोबारी दायरे में घूमने की संभावना है, लेकिन 26500 अंक अब क्लोजिंग पर निफ्टी के लिए बड़ा रजिस्टेंस बन गया है।
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