HDB Financial Services IPO: प्राइवेट सेक्टर के HDFC Bank की नॉन-बैंकिंग सहायक कंपनी HDB फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड ने IPO की योजना को मंजूरी दे दी है। HDFC Bank की ओर से शेयर बाजारों को बताया गया है कि IPO में 2,500 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए जाएंगे, साथ ही मौजूदा शेयरधारकों की ओर से ऑफर फॉर सेल भी रहेगा। इसके अलावा शेयरहोल्डर कोटा भी होगा। यह IPO इस साल दिसंबर या वित्त वर्ष 2024-25 के आखिर तक बाजार में आ सकता है।
HDB फाइनेंशियल सर्विसेज पर्सनल लोन, गोल्ड लोन, बिजनेस लोन, ऑटो लोन आदि मुहैया कराती है। कंपनी में HDFC Bank की हिस्सेदारी 94.64 प्रतिशत है। बैंक इस पब्लिक इश्यू के लिए बैंकर्स को शॉर्टलिस्ट कर रहा है। मनीकंट्रोल की सितंबर महीने में ही आई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि मॉर्गन स्टेनली, बैंक ऑफ अमेरिका और नोमुरा जैसे विदेशी बैंकों के साथ-साथ ICICI सिक्योरिटीज, एक्सिस कैपिटल और IIFL जैसी घरेलू फर्म्स को भी शॉर्टलिस्ट किया गया है।
HDFC Bank चाह रहा 78,000-87,000 करोड़ की वैल्यूएशन
HDFC Bank, HDB फाइनेंशियल सर्विसेज के लिए 78,000-87,000 करोड़ रुपये की वैल्यूएशन चाह रहा है। इस IPO में बैंक अपनी 10-15 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच सकता है, जिससे 7,800-8,700 करोड़ रुपये जुटाए जा सकते हैं। इससे बैंक का कैपिटल एडेक्वेसी रेशियो मजबूत होगा। जून 2024 तक, HDFC Bank का कैपिटल एडेक्वेसी रेशियो 19.3 प्रतिशत था।
HDB फाइनेंशियल सर्विसेज भी अपर लेयर NBFC
भारतीय रिजर्व बैंक ने HDB फाइनेंशियल सर्विसेज को अपर लेयर NBFC कैटेगरी में नोटिफाई किया हुआ है। नियमों के मुताबिक, अपर लेयर NBFC के लिए इस कैटेगरी में नोटिफाई होने के 3 साल के अंदर शेयर बाजारों में लिस्ट होना जरूरी है। 9 सितंबर को डायवर्सिफाइड NBFC बजाज हाउसिंग फाइनेंस की शेयर बाजार में ब्लॉकबस्टर लिस्टिंग हुई और IPO निवेशकों का पैसा एक झटके में डबल हो गया।
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