Share Market Rally Reasons: भारतीय शेयर बाजार में आज 20 सितंबर को नया इतिहास बना। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने अपने नया शिखर छुआ। सेंसेक्स जहां पहली बार 84,000 के स्तर को पार करके 84,515 अंक के नए उच्चतम स्तर पर पहुंचा। वहीं निफ्टी भी 25,806 के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। इसके तेजी के साथ ही BSE में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप करीब 4 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 469 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया। दोपहर 12 बजे के करीब, सेंसेक्स 965 अंकों (1.2 प्रतिशत) की बढ़त के साथ 84,149 पर और निफ्टी 290 अंकों (1.1 प्रतिशत) की तेजी के साथ 25,706 पर कारोबार कर रहे थे।
शेयर बाजार में इस रिकॉर्ड तेजी के पीछे 5 सबसे प्रमुख कारण क्या रहे? आइए जानते हैं-
1. ग्लोबल मार्केट में तेजी
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में 50 बेसिस पॉइंट्स की कटौती किए जाने के बाद ग्लोबल मार्केट में तेजी देखी गई। निवेशकों का सेंटीमेंट इसलिए भी हाई रहा क्योंकि फेडरल रिजर्व ने आगे भी कटौती के संकेत दिए हैं। S&P 500 और डाउ जोन्स इंडेक्स ने रिकॉर्ड उच्च स्तर को छू लिया। एशियाई बाजारों में भी तेजी रही। इसकी अगुआई जापान के निक्केई-225 इंडेक्स ने की। जापान का कोर कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स 2.8 प्रतिशत बढ़ा है, इससे जापान के सेंट्रल बैंक की आगामी बैठक में ब्याज दरों के 0.25 फीसदी पर ही बरकरार रहने की उम्मीद है।
2. ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद
फेडरल रिजर्व की इस चाल से भारतीय रिजर्व बैंक पर भी दरें घटाने का दबाव बढ़ सकता है। कई एनालिस्ट्स का मानना है कि दिसंबर की बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) दरों में कटौती कर सकता है। रेलिगेयर ब्रोकिंग के रवि सिंह ने कहा, “यह कदम भारत जैसे इमर्जिंग मार्केट को भी अपनी मॉनिटरी नीतियों में ढील देने का मौका देता है, लेकिन RBI फिलहाल घरेलू अर्थव्यवस्था पर अपना फोकस रखेगा।”
3. बैंकिंग शेयरों में जोरदार खरीदारी
निफ्टी बैंक इंडेक्स लगातार सातवें दिन बढ़त के साथ काराबोर कर रहा है। दिन के समय 53,357 के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। ICICI बैंक, HDFC बैंक और कोटक महिंद्रा जैसे बड़े बैंकों के शेयरों में 1-2 प्रतिशत की तेजी आई। सितंबर में अब तक यह इंडेक्स 4 प्रतिशत से अधिक बढ़ चुका है।
4. मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स की वापसी
मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों ने पिछले कुछ दिनों की मुनाफावसूली के बाद आज जोरदार तरीके से वापसी की। BSE मिडकैप और स्मॉलकैप दोनों इंडेक्स 1 प्रतिशत से अधिक बढ़कर कारोबार कर रहे थे। इसके पहले पिछले 3 दिनों तक इनमें लगातार गिरावट आई थी।
5. FIIs की संभावित खरीदारी
फेडरल रिजर्व के ब्याज दर घटाने से ग्लोबल मार्केट में लिक्विडिटी बढ़ेगी। इससे भारतीय भारतीय बाजारों में विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी और बढ़ने की उम्मीद है। कोटक अल्टरनेट एसेट मैनेजमेंट के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट, जितेंद्र गोहिल का कहना है, “कमजोर डॉलर और अमेरिका में ब्याज दरों को घटना हमारे जैसे 9इमर्जिंग मार्केट्स के लिए अच्छी खबर हैं। FPI ने वैल्यूएशन से जुड़ी चिंताओं के बावजूद पिछले कुछ हफ्तों में भारतीय शेयरों का खरीदना शुरू कर दिया है। हमारा मानना है कि भारतीय इकॉनमी की मजबूती से इक्विटी वैल्यूएशन को सपोर्ट मिलना चाहिए।”
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