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HAL Stocks: हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स जल्द बनेगी ‘महारत्न कंपनी’, क्या अभी इनवेस्ट करने पर होगी मोटी कमाई?

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (एचएएल) को सरकार ‘महारत्न’ का दर्जा दे सकती है। सरकार उन कंपनियों को महारत्न का दर्जा देती है, जिनके शानदार प्रदर्शन की उम्मीद होती है। एचएएल कई तरह के एयरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टर बनाती है। यह कंपनी इंडिया के डिफेंस के लिहाज से बहुत अहम है। यह सेना के लिए लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर बनाने वाली अकेली कंपनी है। इसके प्रोडक्ट्स में तेजस लाइट कंबैट एयरक्रॉफ्ट, हॉक एडवान्स्ड डेट ट्रेनर, डोर्नियर डीओ-228 मल्टी-पर्पस लाइट ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, एसयू-30 एमकेआई जैसे विमान शामिल हैं।

5 साल में 1045 फीसदी रिटर्न

HAL का शेयर बीते एक साल में 116 फीसदी चढ़ा है। 20 सितंबर को मार्केट खुलने के बाद इस स्टॉक में तेजी देखने को मिली। 10:38 बजे इसका प्राइस एनएसई पर 2.12 फीसदी की तेजी के साथ 4,321 रुपये पर चल रहा था। बीते 5 साल में इस स्टॉक ने 1,045 फीसदी रिटर्न दिया है। 20 सितंबर, 2019 को इस स्टॉक का प्राइस 378 रुपये था। मई 2020 में इस स्टॉक का प्राइस गिरकर 267 रुपये पर आ गया था। उसके बाद से इस स्टॉक ने शानदार तेजी दिखाई है। इसमें सरकार की पॉलिसी का बड़ा हाथ रहा है। सरकार डिफेंस इक्विपमेंट का उत्पादन आयात के बजाय देश में करने पर जोर दे रही है। इसका फायदा एचएएल को मिल रहा है।

कंपनी की ऑर्डरबुक 1 लाख करोड़ से ज्यादा

एचएएल को हाल में सरकार से एक बड़ा ऑर्डर मिला है। इसके तहत कंपनी SU-30MKI एयरक्राफ्ट के लिए 240 एल-31एफपी एयरो इंजन बनाएगी। यह ऑर्डर करीब 26,000 करोड़ रुपये का है। इस साल 31 मार्च के अंत में एचएएल की ऑर्डरबुक 94,000 करोड़ रुपये की थी। इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू साल दर साल आधार पर 11 फीसदी बढ़कर 4,350 करोड़ रुपये रहा। FY24 में कंपनी का प्रॉफिट 7,621 करोड़ रुपये रहा। सरकार डिफेंस इक्विपमेंट के एक्सपोर्ट पर भी जोर दे रही है। इसका फायदा एचएएल को मिलना तय है।

महारत्न का दर्जा मिलने से शेयरों को लगेंगे पंख

सरकार अपनी कंपनियों को प्रदर्शन के आधार पर मिनीरत्न, नवरत्न और महारत्न जैसी कैटेगरी में रखती है। अभी 13 सरकारी कंपनियों को महारत्न का दर्जा शामिल है। इनमें BHEL, BPCL, Coal India, GAIL, Indian Oil, ONGC, Power Grid, Sail, Oil India, REC और PFC शामिल हैं। महारत्न का दर्जा मिलने के बाद कंपनी अपने नेटवर्थ के 15 फीसदा का निवेश किसी प्रोजेक्ट में सरकार की इजाजत के बगैर कर सकती है। वह सरकार की इजाजत के बगैर में विदेश में 5,000 करोड़ रुपये तक का निवेश कर सकती है। अनुमान है कि महारत्न का दर्जा मिलने के बाद HAL की तेज ग्रोथ के रास्ते खुल जाएंगे।

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