वोडाफोन-आइडिया का शेयर 19 सितंबर को तकरीबन 20 पर्सेंट लुढ़क गया। यह जनवरी 2022 के बाद कंपनी के शेयरों में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है। सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर बकाया को लेकर टेलीकॉम कंपनियों की क्यूरेटिव याचिकाएं खारिज कर दी हैं, जिसका असर कंपनी के शेयरों पर देखने को मिला। इस गिरावट के साथ ही वोडाफोन आइडिया का शेयर 200 दिन के मूविंग एवरेज से नीचे बंद हुआ, जो इस साल जून के बाद पहली बार देखने को मिला है। कंपनी का स्टॉक अपने हालिया पीक 19.18 रुपये से तकरीबन आधे पर पहुंच चुका है।
गिरावट के बाद क्या करें निवेशक?
ट्रेडबुल्स के सच्चिदानंद उत्तेकर ने बताया, ‘यह स्टॉक 13 रुपये के 200-WEMA सपोर्ट लेवल से नीचे चला गया है। नवंबर 2023 से कंपनी ने यह लेवल बनाए रखा था। इस गिरावट से संकेत मिल रहे हैं कि निकट भविष्य में मौजूदा गिरावट जारी रह सकती है। यह गिरावट अचानक हुई है और इसके साथ वॉल्यूम में भी बढ़ोतरी है। लिहाजा, आने वाले हफ्तों में इसमें और गिरावट हो सकती है और यह गिरकर 7 रुपये पर पहुंच सकता है।’
सैंक्टम वेल्थ के आदित्य अग्रवाल का कहना है कि वोडाफोन आइडिया ने हाई वॉल्यूम के साथ 12 रुपये का अपना अहम सपोर्ट लेवल तोड़ दिया है। उनके मुताबिक, शॉर्ट टू मीडियम टर्म में कंपनी का स्टॉक नेगेटिव ट्रेंड के साथ कारोबार कर सकता है और एक और बिकवाली के बाद आखिरकार यह स्टॉक 9.2 रुपये से 8.6 रुपये के लेवल तक पहुंच सकता है।
उनका कहना है कि अगर कंपनी का स्टॉक गिरावट के बाद फिर से 12-12.4 रुपये पर पहुंचता है, तो यह लॉन्ग पोजिशन वालों के लिए शेयर से बाहर निकलने का मौका होगा। आनंद पटेल के जिगर पटेल ने बताया कि इस समय वोडाफोन आइडिया का चार्ट काफी बेयरिश है। उन्होंने कहा, ‘कंपनी के मौजूदा बेयरिश ट्रेंड को देखते हुए हम निवेशकों को इस शेयर से बचने की सलाह देते हैं, क्योंकि इसमें तेज गिरावट का ट्रेंड बरकरार है।’ वोडाफोन का शेयर 19 सितंबर को 19% की गिरावट के साथ 10.44 रुपये पर बंद हुआ।