कॉरपोरेट स्कैन में आज सीएनबीसी-आवाज़ के साथ जुड़ा तिलकनगर इंडस्ट्रीज का मैनेजमेंट। आंध्र प्रदेश सरकार ने नई लिकर पॉलिसी को मंजूरी दी है। नई पॉलिसी के तहत प्राइवेट प्लेयर्स भी शराब की खुदरा बिक्री कर सकेंगे। कंपनी की कुल बिक्री में 30 फीसदी योगदान आंध्र प्रदेश से होता है। नई लिकर पॉलिसी 1 अक्टूबर से लागू होगी। इसी पर बात करने के लिए आज सीएनबीसी-आवाज के साथ जुड़े कंपनी के CMD अमित दहानुकर।
आंध्र प्रदेश सरकार ने जिस नई लिकर पॉलिसी को मंजूरी की दी है उसके जरिए सरकार 2019 के पहले की पॉलिसी पर लौट आई है। इस पाॉलिसी के तहत प्राइवेट प्लेयर्स शराब की खुदरा बिक्री कर सकेंगे। चुनिंदा ब्रांड की कीमत घटाकर 99 रुपए प्रति क्वार्टर की गई है। 1 अक्टूबर से लागू होने वाली नई लिकर पॉलिसी से आंध्र प्रदेश में 7-8 फीसदी वॉल्यूम ग्रोथ संभव है
तिलकनगर इंडस्ट्रीज की 30 फीसदी बिक्री आंध्र प्रदेश मार्केट से होती है। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में कंपनी बाजार हिस्सेदारी 50 फीसदी तक है। तिलकनगर इंडस्ट्रीज ने अपने गाइडेंस में कहा है कि कंपनी के कारोबार में अगले 5 साल में 8-10 सालाना ग्रोथ संभव है। वहीं, वित्त वर्ष 2025 में डबल-डिजिट ग्रोथ का अनुमान है। कंपनी का कहना है कि अगले 3 साल तक ब्रांडी वॉल्यूम ग्रोथ में मजबूती संभव है। कंपनी की कुल बिक्री में ब्रांडी का योगदान 10 फीसदी है। कंपनी का ये भी कहना है कि ब्रांडी के अलावा अन्य सेगमेंट पर भी फोकस बढ़ाएंगे।
कंपनी के CMD अमित दहानुकर ने कहा की इस नई निति से कंपनी के कारोबार में कितनी बढ़़त होगी इसकी एक दम सही आंकड़ा देना तो मुश्किल है लेकिन एक मोटा अनुमान है कि इस फैसले से कंपनी के वॉल्यूम में 10 फीसदी की बढ़त हो सकती है। सरकार की शराब की दुकानें बढ़ाने और इनके प्राइवेटाइजेशन की योजना है। इससे तिलकनगर इंडस्ट्रीज जैसी 30-40 साल से स्थापित कंपनियों को फायदा होगा।