पतंजलि की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब बाबा रामदेव के नेतृत्व वाली पतंजलि समूह की कंपनियों के लिए नई मुसीबतें बढ़ती दिख रही हैं। अब जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने पतंजलि समूह की कंपनियों – पतंजलि आयुर्वेद और पतंजलि फूड्स को दो कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं।
जीएसटी का भुगतान
सूत्रों के मुताबिक, “डीजीजीआई ने कथित तौर पर जीएसटी का भुगतान न करने और गलत तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा करने के लिए 19 अप्रैल, 2024 को पतंजलि समूह की कंपनियों – पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड और पतंजलि फूड्स लिमिटेड को दो कारण बताओ नोटिस भेजे हैं।” गुड्स एंड सर्विस टैक्स खुफिया महानिदेशालय जीएसटी कानून प्रवर्तन एजेंसी है जो देशभर में जीएसटी लीकेज पर नजर रखती है।
आईटीसी का दावा
सूत्रों ने बताया कि अलग से डीजीजीआई ने गलत तरीके से आईटीसी का दावा करने और राज्य जीएसटी शुल्क का भुगतान न करने के एक मामले को विस्तृत जांच के लिए उत्तराखंड जीएसटी अधिकारियों को भेजा है, जहां अब उत्तराखंड राज्य जीएसटी कथित तौर पर गलत आईटीसी का दावा करने और 2,100 करोड़ रुपये के सामान पर जीएसटी का भुगतान न करने पर गहन जांच कर रहा है।
सूत्रों ने कहा कि डीजीजीआई जांच दो प्रभागों – डीजीजीआई मेरठ जोन और डीजीजीआई चंडीगढ़ जोन के जरिए की गई थी। मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा, “डीजीजीआई मेरठ ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। कंपनियों पर 2018-2022 की अवधि के बीच 2,640 करोड़ रुपये के सामान की सहवर्ती आपूर्ति के बिना टैक्स चालान जारी करके सर्कुलर ट्रेडिंग का आरोप लगाया गया है।”
टैक्स इनवॉइस
आगे जोड़ते हुए, “माल को बाद में शुरुआती टैक्स इनवॉइस जारी करने वाली कंपनी में वापस भेज दिया गया, जिससे कंपनी का टर्नओवर और रेवेन्यू बढ़ गया। चूंकि सामान शुरू में इनवॉइस जारी करने वाली कंपनी के पास वापस आ गया, इसलिए जीएसटी देय शून्य हो गया, लेकिन फर्जी आईटीसी उत्पन्न की गई और कंपनी के जरिए दावा किया गया। जिसकी कीमत लगभग ₹15 करोड़ है।”