किचन और घर में इस्तेमाल के लिए कंटेनर बनाने वाली टपरवेयर ब्रांड्स (Tupperware Brands) के शेयर धड़ाम हो गए और एक ही दिन में निवेशकों की पूंजी 60 फीसदी साफ हो गई। रिकवरी भी हुई तो मामूली ही और दिन के आखिरी में यह 57 फीसदी से अधिक गिरावट के साथ बंद हुआ। इसकी वजह ये है कि कंपनी दिवालिया होने वाली है। न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक इस हफ्ते यह बैंकरप्सी के लिए आवेदन कर सकती है। इस रिपोर्ट के सामने आने पर टपरवेयर के शेयर 60 फीसदी टूटकर 0.4801 सेंट पर आ गए और दिन के आखिरी में न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर यह 57.51 फीसदी की गिरावट के साथ 0.5099 सेंट के भाव पर बंद हुआ।
कोरोना के दौरान बढ़ी थी सेल्स
केमिस्ट अर्ल टपर ने वर्ष 1946 में टपरवेयर ब्रांड्स की शुरुआत की थी। इसकी लोकप्रियता 1950 के दशक में तेजी से बढ़ी जब युद्ध के बाद के पीढ़ी की महिलाओं ने फूड स्टोरेज कंटेनरों को बेचने के लिए अपने घरों में “टपरवेयर पार्टियों” का आयोजन किया। ये पार्टियां सशक्तिकरण और आजादी की तरफ बढ़ने के लिए थी। अब हाल-फिलहाल की बात करें तो कोरोना महामारी के दौरान इसकी सेल्स में तेज इजाफा हुआ, जब लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहे थे और अधिक से अधिक कुकिंग हो रही थी और यह बच भी रहा था। हालांकि जब स्थिति सामान्य हुई तो इसकी सेल्स हालिया तिमाहियों में गिर गई।
Tupperware पर 70 करोड़ डॉलर से अधिक बकाया
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक टपरवेयर ने कर्ज की शर्तों का उल्लंघन किया है जिसके बाद यह कोर्ट के संरक्षण में पहुंचा। इसने लीगल और फाइनेंशियल एडवाइजर्स चुन लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक टपरवेयर और इसके लेंडर्स के बीच इसे लेकर बातचीत शुरू हो गई है कि 70 करोड़ डॉलर (5870.53 करोड़ रुपये) से अधिक के कर्ज को कैसे मैनेज किया जाए। बता दें कि कंपनी ने मार्च में ही चेता दिया था कि उसका कारोबार जारी रहेगा, इसे लेकर पक्के तौर पर कुछ कहा नहीं जा सकता है। कंपनी ने कहा था कि उसे लिक्विडिटी की दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है।