उत्तराखंड सरकार के रेगुलेटर यानी नियामक ने बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद और दिव्य फार्मेसी के लगभग 15 प्रोडक्ट्स के मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस को सस्पेंड कर दिया है। यह जानकारी उत्तराखंड सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में सोमवार शाम हलफनामा दायर कर दी गई।
भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए कंपनी का लाइसेंस रोका
उत्तराखंड सरकार की लाइसेंस ऑथोरिटी के आदेश में कहा गया है कि पतंजलि आयुर्वेद के प्रोडक्ट्स की प्रभावशीलता के बारे में बार-बार भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए कंपनी के लाइसेंस को रोका गया है।
दिव्य फार्मेसी बाबा रामदेव के पतंजलि प्रोडक्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग करती है। राज्य की लाइसेंस ऑथोरिटी ने बाबा रामदेव की फर्म को खांसी, ब्लड प्रेशर, शुगर, लिवर, गोइटर और आई आई ड्रॉप के लिए इस्तेमाल की जाने वाली 15 दवाओं के उत्पादन को रोकने का निर्देश दिया है।
लाइसेंस ऑथोरिटी ने बैन लगाते हुए कहा कि 10 अप्रैल 2024 को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष उपस्थित होकर दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड द्वारा किए गए भ्रामक विज्ञापनों के संबंध में कार्यवाही को लेकर कोर्ट को अवगत कराया गया था, जिससे जुड़ी ये कार्रवाई की गई है।
स्टेट लाइसेंसिंग अथॉरिटी ने आयुर्वेदिक उत्पादों के भ्रामक प्रचार मामले में अपनी जांच रिपोर्ट के आधार पर दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड पर यह एक्शन लिया है। आदेश को सभी जिला ड्रग इंस्पेक्टर को भी भेजा गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने भी भ्रामक विज्ञापनों को रोकने का निर्देश दिया था
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में अपने कुछ उत्पादों के भ्रामक विज्ञापनों को रोकने के निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए रामदेव की बार-बार आलोचना की है।
सुप्रीम कोर्ट कल पतंजलि के मामले की सुनवाई करेगी
अब सुप्रीम कोर्ट कल (30 अप्रैल) को पतंजलि के मामले की सुनवाई करेगी, ताकि यह तय किया जा सके कि रामदेव के खिलाफ अवमानना का आरोप लगाया जाए या नहीं।
इन प्रोडक्ट्स के लाइसेंस रद्द हुए
- श्वासारि गोल्ड
- श्वासारि वटी
- श्वासारि प्रवाही
- श्वासारि अवलेह
- ब्रोंकोम
- मुक्ता वटी एक्स्ट्रा पावर
- लिपिडोम
- बीपी ग्रिट
- मधुग्रिट
- मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पावर
- लिवामृत एडवांस
- लिवोग्रिट
- आईग्रिट गोल्ड
- पतंजलि दृष्टि आई ड्रॉप