अहम उत्प्रेरक में से एक है कर्नाटक में उत्पाद शुल्क के स्लैब में कटौती जो भारत में शराब (स्पिरिट्स) का सबसे बड़ा बाजार है। इस कटौती से राज्य में महंगी शराब की कीमतें कम होने की उम्मीद है। राज्य सरकार ने स्लैब को उपयुक्त बनाने का कदम पड़ोसी राज्यों में प्रीमियम शराब की कीमतों के साथ प्रतिस्पर्धी बने रहने को लेकर उठाया है। इससे कीमतें कम होंगी, कारोबार बढ़ेगा और सरकार के आबकारी राजस्व में इजाफा होगा।
इसके अलावा हाल के विधानसभा चुनाव के बाद आंध्र प्रदेश में कारोबार में संभावित बहाली को लेकर बाजार का आशावाद बढ़ा है। साल 2019 में पिछली सरकार ने अहम कंपनियों और ब्रांडों से शराब की खरीद रोक दी थी जिससे बिक्री प्रभावित हुई। हालांकि ब्रोकरेज फर्मों को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 25 में बिक्री बहाल होगी, जो कंपनी का वॉल्यूम व वैल्यू बढ़ाने में योगदान करेगी।
पहली तिमाही में यूएसएल ने कुल मिलाकर 8 फीसदी वृद्धि दर्ज की, वहीं इसके प्रेस्टीज व इससे ऊपर वाले सेगमेंट ने 10 फीसदी राजस्व वृद्धि और 5 फीसदी वॉल्यूम बढ़ोतरी के साथ उम्दा प्रदर्शन किया। इसके उलट लोकप्रिय सेगमेंट में वैल्यू 3 फीसदी घटी जबकि वॉल्यूम में 5 फीसदी की गिरावट आई।
नवीन त्रिवेदी की अगुआई में मोतीलाल ओसवाल के विश्लेषकों ने कहा है कि शराब क्षेत्र में महंगी शराब का मौजूदा रुझान प्रेस्टीज और उससे ऊपर वाले ब्रांडों को अपनाने की वजह से है। रणनीतिक कीमतों ने भी वैल्यू वृद्धि को मजबूती दी है। वित्त वर्ष की दूसरी छमाही इस वृद्धि को और मजबूत बना सकती है, जिससे कंपनी दो अंकों की वृद्धि के अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ सकती है।
निर्मल बांग रिसर्च के विश्लेषकों कृष्णन सांबमूर्ति और सनी भद्र ने कहा है कि इस क्षेत्र में मांग अच्छी रही है और राजस्व वृद्धि का परिदृश्य मजबूत है। उत्पाद शुल्क में स्थिरता, उपभोग की शहरी केंद्रित प्रवृत्ति और प्रीमियम की ओर रुख इस सकारात्मक अनुमान के अहम कारक हैं।
मार्जिन का विस्तार भी निवेशकों के लिए अहम विंदु है। यूएसएल ने पहली तिमाही में सकल व परिचालन मार्जिन में सुधार दर्ज किया है। सकल मार्जिन सालाना आधार पर 90 आधार अंकों की बढ़ोतरी के साथ 44.5 फीसदी पर पहुंच गया। एक साल पहले की इसी तिमाही में एकबारगी के लाभ को छोड़ दें तो यह बढ़ोतरी सालाना आधार पर 150 आधार अंक थी।
ब्रोकरेज फर्मों का अनुमान है कि वित्त वर्ष 25 में परिचालन मार्जिन में 100 आधार अंकों का इजाफा होगा और यह 16 फीसदी पर पहुंच जाएगा, जिसकी वजह कच्चे माल की लागत में स्थिरता, उत्पाद मिश्रण में सुधार और लागत नियंत्रण वाले कदम हैं।
उत्पादों की लगातार पेशकश और अधिग्रहण आगे इसकी बिक्री को और मजबूती दे सकते हैं। मूल कंपनी डियाजियो के वैश्विक पोर्टफोलियो से यूएसएल ने गोडावन आर्टिसनल सिंगल माल्ट और डॉन जूलियो टेकिला पेश किया। दोनों वैश्विक स्तर पर अग्रणी बिक्री वाले प्रीमियम ब्रांड हैं।
कंपनी ने नाओ स्पिरिट्स (प्रीमियम जिन), इनस्पायर्ड हॉस्पिटैलिटी (अगेव क्राफ्ट स्पिरिट), वी9 बेवरिजेज (जीरो प्रूफ अल्कोहल) और इंडि ब्रुअज ऐंड स्पिरिट्स (स्पेशियलिटी कोल्ड ब्रु कॉफी लिकर) का अधिग्रहण भी किया। भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते पर प्रगति से भी वॉल्यूम में मजबूती आ सकती है।