अडाणी ग्रुप ने महाराष्ट्र को लॉन्ग टर्म के लिए 6600 मेगावाट की रिन्यूएबल एनर्जी और थर्मल पावर की सप्लाई के लिए बोली जीत ली है। कंपनी ने इसके लिए 4.08 रुपए प्रति यूनिट की बोली लगाई और JSW एनर्जी और टॉरेंट पावर को पीछे छोड़ दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 25 साल के लिए रिन्यूएबल और थर्मल एनर्जी दोनों की सप्लाई के लिए अडाणी ग्रुप की बोली महाराष्ट्र द्वारा फिलहाल खरीदी जा रही बिजली की दर से एक रुपए यूनिट कम है। इससे राज्य को भविष्य की बिजली जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी।
48 महीने में बिजली की सप्लाई शुरू होनी है लेटर ऑफ इंटेंट (LoI) जारी होने की तारीख से 48 महीने में बिजली की सप्लाई शुरू होनी है। बोली शर्तों के अनुसार, अडाणी पावर पूरी सप्लाई अवधि के दौरान सोलर पावर की सप्लाई 2.70 रुपए प्रति यूनिट की दर पर करेगी। वहीं कोयले से बनी बिजली का दाम कोयला कीमतों के आधार पर तय (इंडेक्स्ड) किया जाएगा।
महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (MSEDCL) ने मार्च में सनलाइट से जनरेटेड 5000 मेगावाट बिजली और कोल से जनरेटेड 1600 मेगावाट बिजली की खरीद के लिए एक यूनिक टेंडर निकाला था।
इसे लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले जारी किया गया था और राज्य में विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले इसे अडाणी ग्रुप को दे दिया गया है। इस टेंडर में व्यस्त समय में बिजली की मांग को पूरा करने के लिए सोलर पावर और थर्मल इलेक्ट्रिसिटी दोनों की सप्लाई शामिल है।
अडाणी पावर ने 4.08 रुपए प्रति यूनिट की बोली लगाई सूत्रों के मुताबिक, अडाणी पावर ने कॉन्ट्रैक्ट जीतने के लिए 4.08 रुपए प्रति यूनिट की बोली लगाई। वहीं दूसरी सबसे कम बोली 4.36 रुपए प्रति यूनिट JSW एनर्जी की थी। यह महाराष्ट्र में पिछले साल खरीदी गई औसत बिजली कीमत 4.70 रुपए प्रति यूनिट से कम है।
2024-25 के लिए बिजली खरीद की औसत कीमत 4.97 रुपए प्रति यूनिट महाराष्ट्र इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (MERC) ने 2024-25 के लिए बिजली खरीद की औसत कीमत 4.97 रुपए प्रति यूनिट तय की है। इस तरह अडाणी द्वारा लगाई गई बोली इससे एक रुपए प्रति यूनिट के करीब कम है। कुल मिलाकर चार कंपनियों ने 25 साल के लिए पावर सप्लाई के टेंडर में भाग लिया।
देश के प्राइवेट सेक्टर की सबसे बड़ी थर्मल पावर प्रोड्यूसर अडाणी पावर की प्रोडक्शन कैपेसिटी 17 गीगावाट से ज्यादा है, जो 2030 तक बढ़कर 31 गीगावाट हो जाएगी। इसकी सहयोगी कंपनी अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड 11 गीगावाट की प्रोडक्शन कैपेसिटी के साथ देश की सबसे बड़ी रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी है। इसे 2030 तक बढ़ाकर 50 गीगावाट करने का टारगेट है।