Gold-Silver Price: क्या आपने कभी सोचा है कि चांदी हमेशा सोने से इतना सस्ता क्यों मिलता है? जबकि ज्वैलरी, तमाम इंडस्ट्रीज और निवेश के लिहाज से भी इसकी मांग सोने से कम नहीं है। फिलहाल चांदी इस समय 87 रुपये प्रति ग्राम के भाव पर मिल रहा है, जबकि सोने का दाम 7,408 प्रति ग्राम पर है। यानी सोने के मुकाबले चांदी करीब 85 प्रतिशत सस्ते भाव पर मिल रहा है। यह अंतर कोई नया नहीं है। सदियों से सोने को सुरक्षित निवेश के रूप में देखा जाता रहा है और इनकी कीमतों में यह अंतर बना हुआ है। लेकिन आने वाले समय में यह स्थिति बदल सकती है।
कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, भविष्य में चांदी की कीमतों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हो सकती है। इसका कारण है तमाम इंडस्ट्रीज में चांदी की मांग बढ़ रही है। जबकि दूसरी ओर तेजी से घटते भंडार के चलते इसकी सप्लाई से जुड़ी चिंताएं सामने आ रही हैं।
चांदी की बढ़ती मांग और घटती सप्लाई
चांदी की कई खासियतें हैं, जो इस इंडस्ट्रीज के लिए बेहद उपयोगी बनाती। हाल के सालों में चांदी की मांग में तेज उछाल आया है, खासकर इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर पैनल और पानी के शुद्धीकरण जैसी नई तकनीकों में। सिल्वर इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2033 तक इंडस्ट्रियल एप्लिकेशन में चांदी की ग्लोबल मांग 46% तक बढ़ने की संभावना है। लेकिन इस बढ़ती मांग के विपरीत चांदी के भंडार तेजी से घट रहे हैं।
अगर हम सोने और चांदी के भूमिगत भंडार की तुलना करें, तो अब भी सोने का करीब 50,000 टन भंडार बचा हुआ है, जबकि चांदी का करीब 5,30,000 टन खनन किया जाना बाकी है। आंकड़े बताते हैं कि चांदी का भंडार अभी भी सोने की तुलना में लगभग 10 गुना अधिक है, लेकिन इंडस्ट्रियल एप्लिकेशन में के लिए चांदी की मांग बहुत ज्यादा है। इस बढ़ती मांग और घटती सप्लाई के बीच आने वाले सालों में चांदी की कीमतें काफी बढ़ सकती हैं।
बाजार में हेरफेर
चांदी और सोने की कीमतों के बीच इस अंतर का एक और कारण है बाजार में हेरफेर। ऑक्सफोर्ट इकोनॉमिक्स की 2024 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ अमेरिकी बैंकों ने लंबे समय से चांदी की कीमतों को कृत्रिम रूप से दबाने का प्रयास किया है। उन्होंने बाजार में चांदी के कागजी कॉन्ट्रैक्ट्स (पेपर सिल्वर) का व्यापार किया, जो वास्तव में उपलब्ध चांदी से ज्यादा था, जिससे चांदी की कीमतें कम होती रहीं।
हालांकि जैसे-जैसे ये हेरफेर सामने आ रहे हैं, बाजार में पारदर्शिता की मांग बढ़ रही है। ऐसे में जब भूमिगत भंडार कम होते जाएंगे तो चांदी का असली मूल्य सामने आ सकता है, जिससे इसकी कीमतों में भारी इजाफा हो सकता है।