Markets

SIP से मार्केट में जोरदार निवेश आगे भी जारी रहेगा, जानिए LIC MF के निखिल रूंगटा ऐसा क्यों कहा

स्टॉक मार्केट्स में पिछले कई महीनों से जारी तेजी में रिटेल इनवेस्टर्स की बड़ी भूमिका रही है। म्यूचुअल फंड्स के सिप के जरिए हर महीने मार्केट में काफी निवेश हो रहा है। क्या सिप से होने वाला निवेश आगे भी जारी रहेगा? अभी मार्केट में कहां निवेश करने पर अच्छी कमाई होगी? मनीकंट्रोल ने एलआईसी म्यूचुअल फंड एसेट मैनेजमेंट के को-चीफ इनवेस्टमेंट अफसर निखिल रूंगटा से इन बातचीत में इन सवालों के जवाब पूछे। उनसे ऑटो सेक्टर में निवेश की संभावनाओं के बारे में भी बातचीत की।

रूंगटा ने कहा कि इक्विटी म्यूचुअल फंडों में सिप के जरिए होने वाला निवेश जारी रहने की पूरी संभावना है। पहला, मार्केट में उतारचढ़ाव के बावजूद सिप से होने वाला निवेश 2016 से लगातार बढ़ रहा है। इससे यह संकेत मिलता है कि इंडिया में एक आम परिवार को यह बात समझ में आ गई है कि सिस्टमैटिक और लंबी अवधि के निवेश से बहुत अच्छा फंड तैयार किया जा सकता है। लोगों के बीच यह समझ के बढ़ने की वजह से आने वाले सालों में SIP के जरिए स्ट्रॉन्ग निवेश जारी रहेगा।

उन्होंने कहा कि निवेशकों के ऐलोकेशन में शेयरों की हिस्सेदारी बढ़ी है। इंडिया में परिवारों के इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में इक्विटी से जुड़े इंस्ट्रूमेंट्स की हिस्सेदारी करीब 15 फीसदी रही है। यह ग्लोबल एवरेज का आधा है। जैसे-जैसे लोगों को शेयरों में निवेश के फायदे समझ में आएंगे, वैसे-वैसे इक्विटी में उनका ऐलोकेशन बढ़ेगा। इससे SIP से होने वाला निवेश भी बढ़ेगा। अभी परिवारों के इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में इक्विटी के मुकाबले बैंक डिपॉजिट की दोगुनी हिस्सेदारी है। इससे आगे सिप के लिए अच्छी संभावना दिखती है।

ऑटो कंपनियों में निवेश के मौकों के बारे में उन्होंने कहा कि हाल के महीनों में टू-व्हीलर्स सेगमेंट का प्रदर्शन कमर्शियल और पैसेंजर्स व्हीकल्स सेगमेंट के मुकाबले अच्छा रहा है। इस ट्रेंड के आगे भी जारी रहने की उम्मीद है। टू-व्हीलर्स सेगमेंट को अच्छी डिमांड का फायदा मिलेगा। जहां तक फार्मा सेक्टर की बात है तो हेल्थ सेक्टर को लेकर आउटलुक पॉजिटिव दिख रहा है। कंज्यूमर रिलेटेड स्टॉक्स में अच्छी संभावना दिख रही है। इसके अलावा एक्सपोर्ट आधारित आईटी शेयरों का प्रदर्शन भी अच्छा रह सकता है।

रूंगटा ने कहा कि फाइनेंशियल सेक्टर का प्रदर्शन दूसरे सेक्टर के मुकाबले अपेक्षाकृत कमजोर रहा है। हालांकि, सरकारी बैंकों को छोड़ दें तो पहली तिमाही के नतीजों से कई सेगमेंट में अच्छी अर्निंग्स ग्रोथ दिखी है। फाइनेंशियल सेक्टर के फंडामेंटल्स स्ट्रॉन्ग हैं। वैल्यूएशन भी अच्छे लेवल पर है। ऐसे में अगले 12 महीनों में इस सेक्टर का प्रदर्शन बेहतर रहने की उम्मीद है। हालांकि, कुछ चैलेंजेज हैं जिनका असर बैंकों और वित्तीय संस्थानों की अर्निंग्स ग्रोथ पर पड़ सकता है। इनमें क्रेडिट ग्रोथ में सुस्ती, कमजोर डिपॉजिट ग्रोथ और एनपीए बढ़ने की आशंका शामिल हैं। एसेट मैनेजमेंट, इंश्योरेंस और वेल्थ मैनेजमेंट फर्मों के लिए भी आउटलुक अच्छा दिख रहा है।

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top