IndiGo share price: इंडिगो एयरलाइंस चलाने वाली कंपनी इंटरग्लोब एविएशन के शेयरों पर ब्रोकरेज फर्म बुलिश नजर आ रहे हैं। आज 5 सितंबर को कंपनी के शेयरों में 0.46 फीसदी की तेजी देखी गई। यह स्टॉक BSE पर 4835.90 रुपये के भाव पर ट्रेड कर रहा है। आज की तेजी के साथ कंपनी का मार्केट कैप बढ़कर 1.86 लाख करोड़ रुपये हो गया है। स्टॉक का 52-वीक हाई 4944.60 रुपये और 52-वीक लो 2334.95 रुपये है।
कितना है IndiGo का टारगेट प्राइस
ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने इंडिगो एयरलाइंस के शेयरों में तेजी की उम्मीद जताई है। ब्रोकरेज ने स्टॉक के लिए ‘Buy’ की सिफारिश को बरकरार रखा है और ग्रोथ की संभावना के बीच अपना टारगेट प्राइस बढ़ा दिया है। इंटरनेशनल ब्रोकरेज ने स्टॉक के लिए 5,225 रुपये का टारगेट प्राइस फिक्स किया है। 4 सितंबर की क्लोजिंग प्राइस की तुलना में कंपनी के शेयरों में करीब साढ़े आठ फीसदी की तेजी की संभावना बन रही है।
IndiGo के शेयरों पर ब्रोकरेज की राय
ब्रोकरेज ने इस बात पर जोर दिया कि सप्लाई से जुड़ी दिक्कतों से एयरक्राफ्ट की डिमांड और सप्लाई को बैलेंस रखने में मदद मिल रही है। इसके अलावा, कुछ पियर्स के कॉन्ट्रैक्टिंग ऑपरेशन और इंडिगो की बेहतर कॉस्ट स्ट्रक्चर इसे एक बढ़त प्रदान करती है। कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट से मुनाफे के अनुमानों पर पॉजिटिव असर पड़ सकता है। हालांकि, जेफरीज ने प्रमुख चिंताओं की ओर इशारा किया है, जिसमें ग्लोबल ट्रैवल में मंदी, फ्यूल कॉस्ट का अतिरिक्त दबाव और बढ़ता प्रमोटर स्टेक सेल शामिल हैं।
कम लागत वाली एयरलाइन और बाजार हिस्सेदारी के हिसाब से भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन हाल ही में चर्चा में रही है। अगस्त के आखिर में प्रमोटर राकेश गंगवाल के फैमिली ट्रस्ट ने ओपन मार्केट के लेनदेन के जरिए एयरलाइन में 5.24 फीसदी हिस्सेदारी 9,549 करोड़ रुपये में बेची। इसके बावजूद, कई अन्य एनालिस्ट्स भी इस शेयर को लेकर बुलिश हैं।
‘प्रमोटरों की हिस्सेदारी बिक्री चिंता की बात नहीं’
इक्विनॉमिक्स रिसर्च के फाउंडर चोक्कालिंगम जी ने इंडिगो के लिए शेयरों में खरीदारी की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि बाजार प्रमोटरों की हिस्सेदारी बिक्री को लेकर ज्यादा चिंतित नहीं है क्योंकि यह पहली बार नहीं है जब गंगवाल और उनके परिवार ने अपनी हिस्सेदारी बेची है। उन्हें मौजूदा स्तरों से 7 फीसदी की और बढ़ोतरी की उम्मीद है। उन्होंने आगे कहा कि गोफर्स्ट और जेट एयरवेज जैसी अन्य पियर कंपनियां बंद हो चुकी हैं, जबकि स्पाइसजेट ने अपने फ्लीट नेटवर्क को काफी हद तक कम कर दिया है।