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WPL की वैल्यूएशन 8% बढ़कर हुई ₹1350 करोड़, IPL को लगा 10% का झटका

इस साल मार्च में हुए विमेंस प्रीमियर लीग (WPL) के दूसरे सीजन में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की टीम दूसरे वर्ष विनर रही थी। जैसे-जैसे WPL ने गति पकड़ी है, इसके इकोसिस्टम की वैल्यू भी बढ़ती गई है। 2024 में इस मुकाबले की वैल्यूएशन 8 प्रतिशत बढ़कर 1,350 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। वैल्यूएशन सर्विसेज उपलब्ध कराने वाली D&P Advisory के डेटा के मुताबिक, यह पिछले साल 1,250 करोड़ रुपये रही थी। 2023 में WPL का पहला सीजन खेला गया था।

वहीं दूसरी ओर पुरुषों की इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) इकोसिस्टम की वैल्यूएशन पिछले सीजन के 92,500 करोड़ रुपये से 10.6 प्रतिशत गिरकर 2024 में 82,700 करोड़ रुपये पर आ गई। 2024 में इंडियन प्रीमियर लीग का 17वां सीजन खेला गया। विमेंस क्रिकेट लीग की सफलता ने 22 गज के क्रिकेट पिच से आगे भी प्रभाव डालना शुरू कर दिया है। D&P Advisory के मैनेजिंग पार्टनर संतोष एन ने कहा, “इसने सभी अन्य विमेंस लीग्स को एक तरह की उम्मीद दी है। हो सकता है कि महिलाओं के नेतृत्व वाली कुछ अन्य लीग भी इसी तरह का उत्साह पैदा करें।”

मुनाफे के मोर्चे पर भी संतोष को WPL फ्रेंचाइजी के लिए कुछ सकारात्मक संकेत दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा, “BCCI (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) सेंट्रल फंड का 80 प्रतिशत WPL फ्रेंचाइजीस के साथ साझा कर रहा है। इससे कुछ हद तक उनके द्वारा खर्च की जा रही नकदी को सीमित करने में मदद मिलेगी।”

रेवेन्यू में छठे वर्ष में ही आ सकता है उछाल

WPL के मीडिया राइट्स का पहले 5 वर्षों के बाद रिन्यूअल भी फ्रेंचाइजी के लिए मददगार साबित हो सकता है। संतोष ने कहा, “मुझे लगता है कि पहले 5 वर्षों में किसी भी फ्रेंचाइजी के लिए बिड अमाउंट की अमॉर्टाइजेशन कॉस्ट के कारण लाभदायक बनना बहुत मुश्किल है। साथ ही एक फैक्ट यह है कि सेंट्रल पूल का 80 प्रतिशत भी इतना बड़ा नहीं है कि फ्रेंचाइजी घाटे की भरपाई कर सकें। लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि IPL में रेवेन्यू में उछाल 11वें वर्ष में आया था क्योंकि पहले 10 वर्षों के मीडिया राइट्स लॉक थे। वहीं WPL में ऐसा नहीं हो रहा है। 5वें वर्ष में एक और मीडिया राइट्स साइकिल होगा। इसलिए, संभावना है कि IPL में 11वें वर्ष में जो सुधार हुआ, वह WPL में छठे वर्ष में हो सकता है।”

WPL का सेंट्रल स्पॉन्सरशिप रेवेन्यू 1,000-1,100 करोड़ रुपये के बीच अनुमानित है, जिसमें से टीमों को 80 प्रतिशत मिलता है। संतोष ने बताया कि अधिकांश IPL फ्रेंचाइजी केवल तभी प्रॉफिट में आ पाईं, जब दूसरा मीडिया राइट्स रिन्यूअल हुआ। औसतन एक IPL फ्रेंचाइजी अपने छठे या सातवें वर्ष में लाभदायक हो गई।

IPL की वैल्यूएशन गिरने की वजह

संतोष के मुताबिक, इस साल मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र में डायनैमिक्स में बदलाव के कारण IPL की वैल्यूएशन गिर गई। संभावित बोलीदाताओं की संख्या में कमी के कारण अगली IPL मीडिया राइट्स नीलामी में कुछ डिमांड-साइड बाधाओं का अनुमान है। Zee और Sony के बीच विलय नाकाम रहने से मार्केट डायनैमिक्स पर असर पड़ा है।

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