Multibagger stock picks : इक्विरस वेल्थ के प्रबंध निदेशक और सीईओ अभिजीत भावे ने मनीकंट्रोल को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि ऑर्गनॉइज्ड रिटेल और ई-कॉमर्स की बढ़ती पहुंच के साथ-साथ ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बढ़ती डिस्पोजेबल आय एफएमसीजी कंपनियों के लिए वरदान की तरह हैं। ये कंपनियां भारत की विकास की कहानी का फायदा उठाने के लिए बहुत अच्छी स्थिति में हैं। उनका कहना है कि एफएमसीजी शेयर वोलेटाइल बाजार में स्थिरता भी प्रदान करते है, जिससे ये आकर्षक दीर्घकालिक निवेश विकल्प साबित होते है।
फार्मा स्पेस के शेयर भी अभिजीत को पसंद हैं। उनका कहना है कि निवेशकों को इस सेक्टर में निरंतर रिटर्न के लिए मजबूत आरएंडडी पाइपलाइन और मजबूत बैलेंस शीट वाली कंपनियों पर फोकस करना करना चाहिए।
क्या आपको FMCG सेक्टर में निवेश के बड़े अवसर दिखाई देते हैं?
इसके जवाब में उन्होंने कहा कि आपको याद होगा कि स्कूल में हम “भारतीय जनसंख्या – वरदान या अभिशाप” विषय पर निबंध लिखते थे। भारत का डेमोग्रॉफिक डिविडेंड FMCG क्षेत्र के लिए वरदान बना हुआ है और इसलिए यह सेक्टर निवेश के आकर्षक अवसर पेश करता रहता है। महंगाई और उपभोक्ता पसंद में बदलाव से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद यह सेक्टर मजबूत है। इसको खासकर टियर 3 शहरों और कस्बों सहित नए इलाकों में बढ़ती मांग से सपोर्ट मिल रहा है
उन्होंने आगे कहा कि ऑर्गनॉइज्ड रिटेल और ई-कॉमर्स की बढ़ती पहुंच के साथ-साथ ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बढ़ती डिस्पोजेबल आय एफएमसीजी कंपनियों के लिए वरदान की तरह हैं। ये कंपनियां भारत की विकास की कहानी का फायदा उठाने के लिए बहुत अच्छी स्थिति में हैं। उनका कहना है कि एक डिफेंसिव सेक्टर के रूप में एफएमसीजी शेयर वोलेटाइल बाजार में स्थिरता भी प्रदान करते हैं जिससे ये आकर्षक दीर्घकालिक निवेश विकल्प साबित होते है। इसके अलावा प्रीमियमाइजेशन और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक उत्पादों की ओर चल रहा बदलाव विस्तार के नए रास्ते बना रहा है।
क्या आपको अभी भी फार्मा सेक्टर में बड़ी ग्रोथ की उम्मीद है?
इसे जवाब में अभिजीत ने कहा कि वास्तविकता यह है कि जैसे-जैसे मनुष्य का जीवन काल बढ़ता है,उनकी जीवनशैली में सुधार होता है और साथ ही साथ तनाव भी बढ़ता है। ऐसे में फार्मा सेक्टर में मांग में ग्रोथ जारी रहेगी। फार्मा सेक्टर ने विशेष रूप से महामारी के दौरान और उसके बाद काफी शानदार प्रदर्शन किया है। लेकिन सेक्टर में अभी भी ग्रोथ की काफी संभावना है, हालांकि यह ग्रोथ पहले की तुलना में ज्यादा नपीतुली होगी। स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करना, स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाना और दवाओं के विकास में नवाचार की ओर बढ़ना इस सेक्टर के लिए मेन ग्रोथ ड्राइवर हैं।
इसके अलावा, जेनेरिक दवाओं और बायोसिमिलर की ग्लोबल मांग में बढ़त जारी है। इससे भारतीय फार्मा कंपनियों को एक मजबूत निर्यात बाजार मिल रहा है। हालांकि, इस सेक्टर को मूल्य निर्धारण दबाव और विनियामक चुनौतियों जैसी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, जो इसकी विकास की गति को धीमा कर सकते हैं। निवेशकों को इस सेक्टर में निरंतर रिटर्न के लिए मजबूत आरएंडडी पाइपलाइन और मजबूत बैलेंस शीट वाली कंपनियों पर फोकस करना चाहिए।
कौन से ऐसे सेक्टर हैं जिनसे आप बचना चाहेंगे?
एक पुरानी हिंदी कहावत है “कीचड़ में भी कमल खिलता है”। यही बात सभी सेक्टरों के चुनिंदा शेयरों पर भी लागू होती है, यहां तक कि उन पर भी जो शायद अब तक उतना अच्छा प्रदर्शन न कर रहे हों। इक्विरस वेल्थ बॉटम-अप स्टॉक पिकिंग रणनीति में विश्वास रखता है। इसके दोनों PMS सॉल्यूशन (स्मॉल कैप और मल्टी-कैप रणनीति) सेक्टर के झमेले से अलग रहते हैं। खुदरा निवेशकों को म्यूचुअल फंड के माध्यम से डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाए रखने का सुझाव है। वहीं, एचएनआई निवेशकों के लिए फंडामेंटली मजबूत लेकिन कम वैल्यू वाले शेयरों में निवेश करने की सलाह होगी।
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