शेयर मार्केट में कई फैक्टर्स काम करते हैं, जिनके कारण बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। वहीं कई घोषणाओं के कारण भी शेयर बाजार में फर्क पड़ता है, जिसका असर भी देखने को मिलता है। इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक की एक रिसर्च सामने आई है। इस रिसर्च में बताया गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक की Monetary Policy घोषणा के दिन नीतिगत दरों में अप्रत्याशित बदलाव की तुलना में शेयर बाजार Monetary Policy की उम्मीदों से ज्यादा प्रभावित होते हैं।
ज्यादा प्रभावित होंगे
आरबीआई के अधिकारियों के एक रिसर्च के मुताबिक मौद्रिक नीति के साथ ही घोषित किए जाने वाले विनियामक और विकास उपाय भी शेयर बाजारों को प्रभावित करते हैं। रिसर्च में कहा गया, ”भविष्य में इक्विटी बाजार नीतिगत दरों में अप्रत्याशित बदलाव की तुलना में मौद्रिक नीति को लेकर बाजार की उम्मीदों से ज्यादा प्रभावित होंगे।”
उतार-चढ़ाव
इसमें कहा गया कि नीतिगत घोषणा के दिन इक्विटी बाजारों में उतार-चढ़ाव ”लक्ष्य और पथ” दोनों कारकों से प्रभावित होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि बाजार नीतिगत घोषणाओं को पचा लेते हैं और व्यापारी पूरे दिन अपने पोर्टफोलियो को समायोजित करते हैं।
इन्होंने किया तैयार
‘इक्विटी बाजार और मौद्रिक नीति के आश्चर्य’ शीर्षक वाले इस शोध पत्र को भारतीय रिजर्व बैंक के आर्थिक और नीति अनुसंधान विभाग के मयंक गुप्ता, अमित पवार, सत्यम कुमार, अभिनंदन बोरड और सुब्रत कुमार सीट ने तैयार किया गया है।
बैंक नीति
पेपर नीति घोषणा के दिनों में ओवरनाइट इंडेक्सेड स्वैप (ओआईएस) दरों में बदलाव को टारगेट और पाथ फैक्टर्स में विघटित करके बीएसई सेंसेक्स में रिटर्न और अस्थिरता पर मौद्रिक नीति घोषणाओं के प्रभाव का विश्लेषण करता है। लक्ष्य कारक केंद्रीय बैंक नीति दर कार्रवाई में आश्चर्यजनक घटक को पकड़ता है, जबकि पथ कारक मौद्रिक नीति के भविष्य के मार्ग के बारे में बाजार की उम्मीदों पर केंद्रीय बैंक के संचार के प्रभाव को पकड़ता है।