FPI: विदेशी निवेशकों ने अगस्त में डेट मार्केट में जमकर निवेश किया है. इसकी वजह रुपये का 2024 में अब तक स्थिर रहना है. बाजार के जानकारों की ओर से शनिवार को यह जानकारी दी गई. फॉरेन पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की ओर से ज्यादातर खरीदारी ‘प्राइमरी मार्केट’ कैटेगरी में की जा रही है. वहीं, वैल्यूएशन अधिक होने के कारण विदेशी निवेशक कैश मार्केट में बिकवाली कर रहे हैं.
FPI ने अगस्त में ₹7,320 करोड़ का निवेश किया
नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) के डेटा के मुताबिक, अगस्त में एफपीआई ने इक्विटी में 7,320 करोड़ रुपये का निवेश किया है. जुलाई में यह आंकड़ा 32,365 करोड़ रुपये था. वहीं, डेट मार्केट में एफपीआई द्वारा अगस्त में 11,366 करोड़ रुपये का निवेश किया गया. इसके साथ 2024 की शुरुआत से अब तक डेट मार्केट में 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का विदेशी निवेश आ चुका है.
इन सेक्टर्स में किया निवेश
जानकारों का कहना है कि विदेशी निवेशकों द्वारा इक्विटी मार्केट में कम निवेश की वजह अधिक वैल्यूएशन का होना है. एफपीआई (FPI) के पास विश्व के अन्य सस्ते बाजारों में निवेश के अवसर हैं. हालांकि, एफपीआई द्वारा कुछ सेक्टर्स जैसे हेल्थकेयर (Healthcare) और एफएमसीजी (FMCG) में निवेश किया जा रहा है.
डेजर्व के सह-संस्थापक वैभव पोरवाल का कहना है कि डेट फंड (Debt Fund) में अधिक निवेश की वजह भारतीय बॉन्ड्स का जेपी मॉर्गन इमर्जिंग बॉन्ड इंडेक्स में शामिल होना है. वॉटरफील्ड एडवाइजर्स के लिस्टेड इन्वेस्टमेंट डायरेक्टर विपुल भोवर का कहना है कि सितंबर में भी एफपीआई का डेट मार्केट की तरफ रुझान देखने को मिल सकता है. इसकी वजह राजनीतिक स्थिरता, फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती और बाजार के वैल्यूएशन हैं.
पिछले एक साल से लगातार तेजी
भारतीय शेयर बाजार में पिछले एक साल से लगातार तेजी देखने को मिल रही है. 2024 की शुरुआत से अब तक निफ्टी 16% और बीते एक साल में 31% से ज्यादा का रिटर्न दे चुका है. वहीं, सेंसेक्स 2024 की शुरुआत से अब तक करीब 14% और एक साल में 27% का रिटर्न दे चुका है.