SpiceJet News: विमानन कंपनी स्पाइसजेट वित्तीय दिक्कतों से जूझ रही है। सस्ती हवाई सेवाएं मुहैया कराने वाली स्पाइसजेट ने वित्तीय दिक्कतों के बीच केबिन क्रू के 150 सदस्यों को अस्थायी तौर पर छुट्टी पर भेज दिया है। कंपनी के प्रवक्ता का कहना है कि जब ये एंप्लॉयीज वापस काम पर लौटेंगे तो उनके स्वागत के लिए कंपनी पूरी तरह से तैयार है और छुट्टी के दौरान भी एंप्लॉयीज का सपोर्ट करने के लिए कंपनी उनके साथ खड़ी है। कुछ समय पहले एविएशन वॉचडॉग डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने इस पर निगरानी बढ़ा दी। डीजीसीए ने यह फैसला हाल ही में हुए एक ऑडिट में कुछ कमियों के खुलासे पर किया। इसका झटका शेयरों पर भी दिख रहा है। फिलहाल BSE पर यह 5.50 फीसदी की गिरावट के साथ 62.59 रुपये के भाव पर है। इंट्रा-डे में यह 6.39 फीसदी फिसलकर 62.00 रुपये तक आ गया था।
तीन हफ्ते पहले DGCA ने किया था SpiceJet का स्पेशल ऑडिट
फ्लाईट रद्द होने और वित्तीय दिक्कतों की रिपोर्ट्स आने के बाद डीजीसीए ने करीब तीन हफ्ते पहले इसका स्पेशल ऑडिट किया था। एयरलाइन के पिछले रिकॉर्ड और स्पेशल ऑडिट के आधार पर डीजीसीए का कहना है कि सुरक्षित उड़ान के लिए अब स्पॉट चेक/नाइट सर्विलांस की संख्या बढ़ाया जाएगा। हालांकि विमान नियामक संस्था ने यह खुलासा नहीं किया कि दिक्कत क्या पाई गई है।
कैसी है स्पाइसजेट की कारोबारी सेहत?
स्पाइसजेट में पिछले कुछ समय से उथल-पुथल मची है। इसके प्रमोटर अजय सिंह निवेशकों की तलाश में हैं। 3 हजार करोड़ रुपए जुटाने की कोशिश में वह अपनी बड़ी हिस्सेदारी बेचने की कोशिश में हैं। स्पाइसजेट ने पहले 64 निवेशकों के एक समूह से 2,250 करोड़ रुपये जुटाने का ऐलान किया था। हालांकि यह केवल 1,060 करोड़ रुपये ही जुटा सकी क्योंकि एक प्रमुख निवेशक से पीछे हट गया। कारोबार चलाने के लिए कंपनी को फंड की सख्त जरूरत है और कई बार इसने कोशिशें की लेकिन नाकाम रही। यह विमान लीज पर देने वाले कंपनियों समेत कई वेंडर्स के पेमेंट समय नहीं दे पाई और इसके चलते उन्होंने स्पाइसजेट के खिलाफ दिवालिया याचिका दायर कर दी है।
इसका मार्केट शेयर 4 फीसदी से नीचे आ गया है क्योंकि केवल 22 विमान ही चालू हैं और 30 से अधिक विमान इंजन और स्पेयर पार्ट्स की कमी के कारण बंद पड़े हैं। जून तिमाही में कंपनी का कंसालिडेटेड नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 20 फीसदी गिरकर 158 करोड़ रुपये पर आ गया। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू 15% घटकर 1,708 करोड़ रुपये रह गया