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Rapid Multimodal Logistics IPO Listing: लॉजिस्टिक्स कंपनी ने मचाया धमाल, 22% प्रीमियम पर लिस्टिंग के बाद और उछले शेयर

Rapid Multimodal Logistics IPO Listing: लॉजिस्टिक्स सर्विसेज मुहैया कराने वाली रैपिड मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स (Rapid Multimodal Logistics) के शेयरों की आज BSE के SME प्लेटफॉर्म पर धांसू एंट्री हुई। इसके आईपीओ को ओवरऑल 350 गुना से अधिक बोली मिली थी। आईपीओ के तहत 84 रुपये के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज BSE SME पर इसकी 103.00 रुपये पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशकों को 22.62 फीसदी का लिस्टिंग गेन (Rapid Multimodal Logistics Listing Gain) मिला। लिस्टिंग के बाद शेयर और ऊपर चढ़े। उछलकर BSE पर यह 106.01 रुपये (Rapid Multimodal Logistics Share Price) पर पहुंच गया यानी कि आईपीओ निवेशक अब 26.20 फीसदी मुनाफे में हैं।

Rapid Multimodal Logistics IPO को मिला था तगड़ा रिस्पांस

रैपिड मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स का ₹8.49 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 22-27 अगस्त तक खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों का जबरदस्त रिस्पांस मिला था और ओवरऑल यह 350.50 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित आधा हिस्सा 172.55 गुना भरा था। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 10,11,200 नए शेयर जारी हुए हैं। इन शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कंपनी वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।

Rapid Multimodal Logistics के बारे में

जुलाई 2020 में बनी रैपिड मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स एक ही स्थान पर लॉजिस्टिक्स से जुड़ी सभी सर्विसेज अपने क्लाइंट्स को मुहैया कराती है। यह सिंगल से लेकर मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज देती है। इसके ग्राहक ग्लास, प्लाईवुड, पेपर, एडिबल ऑयल, जिप्सम बोर्ड्स, आयरन एंड स्टील, स्क्रैप्स, टाइल्स, सैनिटरी और लिक्वर इंडस्ट्री से हैं। जनवरी 2024 तक के आंकड़ों के हिसाब से इसके पेरोल पर 17 एंप्लॉयीज हैं।

कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो वित्त वर्ष 2022 में इसे 95.43 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2023 में उछलकर 2 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। हालांकि अगले वित्त वर्ष 2024 में मुनाफा घटकर 1.79 करोड़ रुपये पर आ गया। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू सालाना 22 फीसदी से अधिक की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर 71.84 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। कंपनी पर कर्ज लगातार कम हुआ है और वित्त वर्ष 2022 के आखिरी में यह 3.58 करोड़ रुपये से घटकर यह वित्त वर्ष 2024 के आखिरी में 2.01 करोड़ रुपये पर आ गया।

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