22 अगस्त को जब एक SME कंपनी का IPO खुला और तीन दिन के भीतर ये ओवरऑल 419 गुना सब्सक्राइब हुआ तो सोशल मीडिया पर एक बहस शुरू हो गई। IPO लाने वाली इस कंपनी का नाम Resourceful Automobile है और इसने सिर्फ 12 करोड़ रुपए का इश्यू जारी किया है। दिलचस्प है कि रिटेल सेगमेंट में यह इश्यू 496 गुना भर गया था। एक SME कंपनी जिसके पास यामाहा के सिर्फ दो शोरूम और 8 एंप्लॉयीज हैं उसके इश्यू के लिए रिटेलर्स के बीच ऐसा क्रेज देखकर कुछ लोगों के होश उड़ गए।
SME इश्यू, के भारी रिटेल सब्सक्रिप्शन को मार्केट एक्सपर्ट्स कैसे देखते हैं उस पर हम बात करेंगे लेकिन उससे पहले आप हमें कॉमेंट करके बताइए कि क्या आपने भी Resourceful Automobile के IPO में पैसा लगाया था।
तगड़े सब्सक्रिप्शन के बाद सोशल मीडिया पर इश्यू को लेकर खूब चर्चा हो रही है। एक ट्रेडर अक्षय जोगानी का कहना है कि रिसोर्सफुल ऑटोमोबाइल SME आईपीओ का सब्सक्रिप्शन पूरी तरह से क्रेजी करने वाला है। अक्षय लिखते हैं कि 1.5 करोड़ रुपए की नेटवर्थ पर आईपीओ प्राइस के हिसाब से 31 करोड़ रुपये का मार्केट कैप, फिर भी तगड़ा सब्सक्रिप्शन।
क्या आपको ये वाजिब लगता है कि एक SME कंपनी जिसके पास दो शोरूम और 8 एंप्लॉयीज हैं उसके इश्यू के लिए इतनी मारामारी होनी चाहिए! अगर आप दिल्ली में रहते हैं तो कंपनी के शोरूम को साहनी ऑटोमोबाइल्स के नाम से पहचान सकते हैं।
इस IPO का इश्यू प्राइस 117 रुपए था और लिस्टिंग से पहले यह करीब 72 फीसदी प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा है। कंपनी के शेयरों की लिस्टिंग 29 अगस्त को होने वाली है। इस इश्यू पर मार्केट एक्सपर्ट्स की राय सोशल मीडिया से अलग है। Resourceful Automobile के बंपर रिटेल सब्सक्रिप्शन पर Capital mind के फाउंडर दीपक शिनॉय का कहना है कि निवेशक शेयर मार्केट में ज्यादा से ज्यादा बोली लगाना चाहते हैं। क्योंकि वो ये मानकर चल रहे हैं कि ज्यादा बोली लगाने से अलॉटमेंट का चांस ज्यादा रहेगा और ओवरसब्सक्रिप्शन की यही सबसे बड़ी वजह है।
दिल्ली की इस टू-व्हीलर डीलरशिप कंपनी की शुरुआत 2018 में हुई थी। IPO से पहले कंपनी का वैल्यूएशन 45 करोड़ 99 लाख रुपए था। फरवरी 2024 तक कंपनी का रेवेन्यू 17 करोड़ 24 लाख रुपए और नेट प्रॉफिट 1.52 करोड़ रुपए था।
Resourceful Automobile सब्सक्रिप्शन पर भले ही हंगामा मचा है लेकिन अगर आप ध्यान देंगे तो पता चलेगा कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। ज्यादातर SME IPO का सब्सक्रिप्शन शानदार ही रहता है। HOAC Foods की बात करें तो यह इश्यू सिर्फ 5.54 करोड़ रुपए का था लेकिन रिटेल सेगमेंट में इसका सब्सक्रिप्शन 2556 गुना हुआ था। यह अब तक का हाइएस्ट ओवरसब्सक्रिप्शन है।
इसी तरह Medicamen Organics ने 10.54 करोड़ रुपए के लिए इश्यू जारी किया था और रिटेल सेगमेंट में यह 1309 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसी तरह Kay cee energy and infra, Maxposure ltd भी हैं। ये इश्यू 2024 में आए थे और रिटेल सेगमेंट में 1000 गुना से ज्यादा सब्सक्राइब हुए थे।
SME सेगमेंट में IPO लाने वाली कंपनियों से घबराने की जरूरत नहीं है। सेबी और एक्सचेंज ने मिलकर इस सेगमेंट को ऐसे डिजाइन किया है ताकि वो आसानी से फंड जुटा सकें। इनके नियम मेनबोर्ड IPO लाने वाली कंपनियों की तरह सख्त नहीं होते हैं। SME पर भी अगर मेनबोर्ड कंपनियों के नियम लागू होते हैं तो इनकी मुश्किल बढ़ जाएगी।
SME सेगमेंट छोटे बिजनेस को लिस्ट होने का मौका देती है। असल समस्या कंपनियों के साथ नहीं, बल्कि निवेशकों के साथ है। हर कंपनी अपने DRHP के जरिए अपनी प्रोफ़ाइल सार्वजनिक करती है, लेकिन छोटे इश्यू होने के कारण रेगुलर ब्रोकरेज फर्म इन पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं।
नतीजा ये होता है कि ज्यादातर इनवेस्टर्स रिपोर्ट को पढ़ने और समझने के बजाय सब्सक्रिप्शन देखकर उसके आधार पर ही निवेश करना शुरू कर देते हैं।