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सोमवार को इन 5 सरकारी कंपनियों के शेयर पर रखें नजर, लगातार 5वीं तिमाही लगा जुर्माना, जानें वजह

 

Stock Market: सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल (IOC), बीपीसीएल (BPCL) और गैस कंपनी गेल (GAIL) समेत अन्य बड़ी तेल कंपनियों पर लिस्टिंग मानदंडों को पूरा करने में विफल रहने को लेकर लगातार पांचवीं तिमाही में जुर्माना लगाया गया है. यह जुर्माना अपने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में अपेक्षित संख्या में इंडिपेंडेंट और महिला डायरेक्टर्स की नियुक्ति नहीं करने को लेकर लगाया गया है.

इन 5 कंपनियों पर लगाया जुर्माना

शेयर बाजार बीएसई (BSE) और एनएसई (NSE) ने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (HPCL), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (BPCL), ऑयल इंडिया लि. (OIL), गेल (इंडिया) लि. और मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लि. (MRPL) पर अप्रैल-जून तिमाही में लिस्टिंग की जरूरतों को पूरा नहीं करने के लिए जुर्माना लगाया है.

कंपनियों ने शेयर बाजारों को अलग-अलग दी सूचना में कहा कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स की अपेक्षित संख्या या अनिवार्य महिला डायरेक्टर्स के नहीं होने से बीएसई और एनएसई ने जुर्माना लगाया है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि डायरेक्टर्स की नियुक्ति सरकार को करनी है और इसमें उनकी कोई भूमिका नहीं है.

कंपनियों को पिछली चार तिमाहियों में भी इसी कारण जुर्माना का सामना करना पड़ा था. लिस्टिंग नियमों के अनुसार कंपनियों को कार्यकारी या कार्यात्मक निदेशकों के समान अनुपात में इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स रखने की जरूरत होती है. उन्हें बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में कम-से- कम एक महिला डायेरक्टर रखने की भी जरूरत है.

आईओसी (IOC) ने कहा कि बीएसई और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लि. (NSE) ने 30 जून, 2024 को समाप्त तिमाही के दौरान बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की संरचना से संबंधित सेबी (सूचीबद्धता बाध्यता और खुलासा जरूरत) के विनियमन 17(1) का अनुपालन नहीं करने के लिए कंपनी पर 5,36,900-5,36,900 रुपये का जुर्माना लगाया.

कंपनी की लापरवाही नहीं

आईओसी ने कहा, नोटिस के जवाब में, इंडियन ऑयल (Indian Oil) ने 22 अगस्त, 2024 के पत्र के माध्यम से बीएसई और एनएसई को बताया है कि एक सरकारी कंपनी होने के नाते, डायरेक्टर्स (इंडिंपेंडेंट डायरेक्टर्स सहित) को नियुक्त करने का अधिकार पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के पास है. ऐसे में 30 जून, 2024 को समाप्त तिमाही के दौरान कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में महिला इंडिपेंडेंट डायरेक्टर की नियुक्ति नहीं करने सहित इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स की कमी कंपनी की लापरवाही/चूक के कारण नहीं है.

कंपनी ने कहा कि आईओसी को जुर्माना भरने के लिए उत्तरदायी नहीं ठहराया जाना चाहिए और उसे माफ कर दिया जाना चाहिए. कंपनी ने कहा कि वह कॉरपोरेट संचालन नियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए अपेक्षित संख्या में निदेशकों की नियुक्ति को लेकर मंत्रालय के साथ लगातार मामला उठाती रही है.

बीपीसीएल (BPCL) ने कहा कि बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में एक इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स कम होने के कारण बीएसई और एनएसई ने उस पर 2,41,900-2,41,900 रुपये का जुर्माना लगाया है. कंपनी ने कहा कि डायरेक्टर्स की नियुक्ति पर उसका कोई अधिकार नहीं है. वह जुर्माना माफी को लेकर बीएसई और एनएसई को आवेदन देगी.

एचपीसीएल (HPCL) ने कहा कि बीएसई और एनएसई ने उस पर 5,36,900-5,36,900 रुपये का जुर्माना लगाया है. गेल (GAIL) पर भी इसी तरह का जुर्माना लगाया गया है. कंपनी ने कहा, बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की संरचना के संबंध में गैर-अनुपालन कंपनी की किसी लापरवाही/चूक के कारण नहीं है. यह मामला गेल के प्रबंधन के दायरे में ही नहीं है. अनुपालन जरूरतों को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास भी किए जा रहे हैं.

ऑयल इंडिया (OIL India) और एमआरपीएल (MRPL) पर भी बीएसई और एनएसई ने 5,36,900-5,36,900 रुपये का जुर्माना लगाया है. देश की प्रमुख तेल कंपनियां पिछले साल अप्रैल से लिस्टिंग नियमों का अनुपालन नहीं कर रही हैं और तब से हर तिमाही में उन पर जुर्माना लगाया जा रहा है.

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