विदेशी निवेशकों ने अगस्त महीने में अब तक भारतीय इक्विटी से 16,305 करोड़ रुपये से अधिक निकाले हैं। इसकी वजह जापान की येन मुद्रा में कैरी ट्रेड समाप्त होना, अमेरिका में मंदी की आशंका और वैश्विक स्तर पर जारी संघर्ष हैं। कैरी ट्रेड का मतलब है निम्न ब्याज दर वाले देश से कर्ज लेकर दूसरे देश के एसेट्स में निवेश करना। बैंक ऑफ जापान ने मुख्य ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत तक की वृद्धि की है। इसके बाद येन ‘कैरी ट्रेड’ के समाप्त होने से पूंजी निकासी शुरू हुई।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मॉर्निंगस्टार इनवेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर-मैनेजर रिसर्च हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि बजट में इक्विटी निवेश पर कैपिटल गेन्स टैक्स में वृद्धि की घोषणा ने इस बिकवाली को काफी हद तक बढ़ाया है। इसके अलावा भारतीय शेयरों की हाई वैल्यूएशन के कारण FPI सतर्क हैं। साथ ही अमेरिका में रोजगार के कमजोर आंकड़े से मंदी की बढ़ती आशंका, नीतिगत दर में कटौती के समय को लेकर अनिश्चितता और येन कैरी ट्रेड समाप्त होने से भी FPI सतर्क रुख अपना रहे हैं।
जून और जुलाई में कितना किया था निवेश
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) आर्थिक वृद्धि निरंतर बने रहने, सुधार जारी रहने, कंपनियों के तिमाही परिणाम उम्मीद से बेहतर रहने और राजनीतिक स्तर पर स्थिरता की उम्मीद में इस साल जून और जुलाई महीनों में बायर रहे थे। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, FPI ने जुलाई में शुद्ध रूप से शेयरों में 32,365 करोड़ रुपये डाले। इससे पहले राजनीतिक स्थिरता और बाजारों में तेज उछाल के कारण जून में उन्होंने शेयरों में 26,565 करोड़ रुपये का निवेश किया था।
बॉन्ड मार्केट में निवेश जारी
विदेशी निवेशकों ने अगस्त महीने में अब तक देश के बॉन्ड बाजार में 11,366 करोड़ रुपये लगाए हैं। इसके साथ बॉन्ड क्षेत्र में उनका निवेश इस साल 1.02 लाख करोड़ रुपये हो गया है। भारत के बॉन्ड बाजार में विदेशी निवेशकों की मजबूत खरीदारी का कारण इस साल जून में जेपी मॉर्गन के एमर्जिंग मार्केट गवर्मेंट बॉन्ड इंडेक्स में भारत के सरकारी बॉन्ड्स को शामिल किए जाने को कहा जा सकता है।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, FPI ने इस महीने 24 अगस्त तक बॉन्ड बाजार में 11,366 करोड़ रुपये लगाए हैं। उन्होंने भारतीय बॉन्ड बाजार में जुलाई में 22,363 करोड़ रुपये, जून में 14,955 करोड़ रुपये और मई में 8,760 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था। इससे पहले, एफपीआई ने अप्रैल में 10,949 करोड़ रुपये निकाले थे।