भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख इंडेक्स निफ्टी में 30 अगस्त और 30 सितंबर 2024 से बड़ा फेरबदल होने जा रहे हैं. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की इंडेक्स मेंटेनेंस सब-कमिटी ने निफ्टी 50, निफ्टी नेक्स्ट 50, निफ्टी बैंक समेत कई प्रमुख सूचकांकों में कंपनियों को शामिल करने और हटाने का फैसला किया है. निफ्टी 50 से बाहर होने वाली दिग्गज कंपनियों में डिविस लैब और LTI Mindtree शामिल हैं. इसके अलावा टाटा मोटर्स DVR शेयर निफ्टी 100, निफ्टी 200, निफ्टी 500, निफ्टी ऑटो सहित कई इंडेक्स से बाहर होगा.
डिफेंस कंपनी BEL, रिटेल कंपनी ट्रेंट लिमिटेड की निफ्टी 50 एंट्री
निफ्टी 50 इंडेक्स से दिग्गज फार्मा कंपनी डिवीज लैबोरेटरीज और आईटी कंपनी एलटीआई माइंडट्री को बाहर किया जा रहा है. उनकी जगह नवरत्न डिफेंस पब्लिक सेक्टर कंपनी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) और रिटेल कंपनी ट्रेंट लिमिटेड को शामिल किया जाएगा. टाटा मोटर्स के ‘ए’ ऑर्डिनरी शेयर्स (डिफरेंशियल वोटिंग राइट्स वाले शेयर) को रद्द करने और साधारण शेयर जारी करने की योजना के कारण, टाटा मोटर्स लिमिटेड के ‘ए’ ऑर्डिनरी शेयर्स – डीवीआर को निफ्टी 100, निफ्टी 200, निफ्टी 500, निफ्टी ऑटो सहित कई सूचकांकों से बाहर किया जाएगा.
बंधन बैंक की निफ्टी बैंक इंडेक्स से होगी छुट्टी, One 97 कम्युनिकेशंस की जगह पर IRFC
निफ्टी बैंक इंडेक्स से बंधन बैंक की छुट्टी होगी. इसकी जगह केनरा बैंक को शामिल किया जाएगा. निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज एक्स-बैंक इंडेक्स में वन 97 कम्युनिकेशंस (पेटीएम) की जगह रेलवे पीएसयू इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (IRFC) को शामिल किया जाएगा. इसी तरह निफ्टी फार्मा, निफ्टी रियल्टी, निफ्टी मिडस्मॉल फाइनेंशियल सर्विसेज समेत कई अन्य सेक्टोरल और थीमैटिक इंडेक्स में भी कंपनियों को शामिल और बाहर किया जाएगा.
निफ्टी प्राइवेट बैंक इंडेक्स में सेबी के सर्कुलर के मुताबिक हुआ बदलाव
निफ्टी प्राइवेट बैंक इंडेक्स की कार्यप्रणाली में संशोधन सेबी द्वारा 8 जुलाई 2024 को जारी किए गए सर्कुलर के अनुसार किया जा रहा है. इस सर्कुलर का उद्देश्य व्यापार को आसान बनाना और निष्क्रिय योजनाओं के लिए नियमों को सरल बनाना है. इसमें म्यूचुअल फंड के प्रमोटर्स की ग्रुप कंपनियों के शेयर में निवेश को लेकर कुछ बदलाव किए गए हैं. पहले किसी एक स्टॉक का वेटेज अधिकतम 33% हो सकता था. अब इसे घटाकर 23% कर दिया गया है. यानी, अब किसी एक कंपनी का इस इंडेक्स में दबदबा पहले से कम होगा.