Defence Stocks: डिफेंस कंपनियों के स्टॉक के लिए अगले कुछ दिन काफी अहम रहने वाले हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कल 23 अगस्त से चार दिन के लिए अमेरिका के दौरे पर जा रहे हैं। इस दौरे पर वह कई ऐसे समझौतों को अंतिम रूप दे सकते हैं, जो डिफेंस कंपनियों और खासतौर से हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स ( HAL) के स्टॉक के लिए बूस्टर डोज का काम कर सकता है। आखिर इस यात्रा में ऐसा क्या खास है, जिसके चलते पूरे डिफेंस सेक्टर की इस पर नजर है, आइए जानते हैं-
राजनाथ सिंह 4 दिनों के अहम अमेरिकी दौरे पर जा रहे हैं। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ावा देना और अमेरिकी डिफेंस कंपनियों के साथ साझेदारी को मजबूत करना है। इसके लिए राजनाथ सिंह अमेरिका के रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन के साथ एक बैठक करेंगे। इसके अलावा, अमेरिकी डिफेंस इंडस्ट्री के बड़े दिग्गजों के साथ भी उनका राउंडटेबल बैठक आयोजित किया जाएगा।
HAL के लिए भी यह दौरा अहम है क्योंकि इस दौरान GE-F404 जेट इंजन की डिलिवरी जल्द कराने पर जोर दिया जाएगा। हमारे जो तेजस लड़ाकू विमान हैं, उनमें इन्हीं GE-F404 इंजनों का इस्तेमाल होता है। इन इंजनों को एक अमेरिकी कंपनी, जनरल इलेक्ट्रिक एयरोस्पेस बनाती है, जिसे GE एयरोस्पेस भी कहते हैं।
सूत्रों की मानें तो, इस दौरान जनरल इलेक्ट्रिक और HAL के बीच भारत में ही जेट इंजन की मैन्युफैक्चरिंग को लेकर करार हो सकता है। बता दें कि GE एयरोस्पेस और HAL के बीच पहले ही MoU साइन हो चुका है, लेकिन टेक्नोलॉजी ट्रांसफर का मसला अभी तक साफ नहीं हुआ था। इसके चलते भारतीय वायुसेना को हल्के लड़ाकू विमान एलसीए-1 तेजस को हासिल करने में विलंब का सामना करना पड़ रहा है। अब राजनाथ सिंह के अमेरिकी दौरे पर GE के 414 इंजनों की 80% तक टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट साइन हो सकता है। इस कॉन्ट्रैक्ट के 80% इंजनों को HAL भारत में ही बनाएगी। वहीं 20 फीसदी इंजनों को सीधे GE एयरोस्पेस से खरीदा जाएगा। यह करार भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि इस करार को अंतिम रूप देने से पहले अमेरिकी कांग्रेस की मंजूरी जरूरी होगी। एक बार यह मंजूरी मिल जाती है, तो HAL तीन साल के भीतर लड़ाकू विमानों की डिलीवरी कर सकता है।
HAL के द्वारा बनाए जा रहे हल्के लड़ाकू विमान Mk1A फाइटर एयरक्राफ्ट की पहली सीरीज ने अपनी ट्रायल उड़ान पूरी भी कर ली है। यह सिंगल इंजन वाला एक मल्टी-रोल लड़ाकू विमान है जिसे विशेष रूप से भारतीय वायुसेना के लिए विकसित किया गया है। यह विमान न केवल भारत की तकनीकी क्षमता को दर्शाता है, बल्कि आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदमों का भी प्रतीक है।
अगले 2 से 5 साल तक जारी रह सकती है तेजी: एक्सपर्ट्स
मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये कदम HAL के शेयरों के लिए जबरदस्त मौके पैदा कर रहे हैं। कई ब्रोकरेज फर्म्स और एक्सपर्ट्स ने इस शेयर को ‘बाय’ की रेटिंग दी है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगले 2 से 5 साल तक HAL के शेयरों में भारी तेजी जारी रह सकती है। Sharekhan by BNP Paribas के कैपिटल मार्केट स्ट्रेटेजी हेड, गौरव दुआ का कहना है कि HAL वो स्टॉक है जिसे निवेशकों को खरीदकर रखना चाहिए। क्योंकि यह डिफेंस सेक्टर में इम्पोर्ट सब्स्टिट्यूशन के सबसे बड़े लाभार्थियों में से एक बनने जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि इस स्टॉक में आने वाले समय में बड़े रिटर्न्स की पूरी संभावना है।
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