मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कॉरपोरेट लोन की रफ्तार में तेजी देखने को मिली है। मनीकंट्रोल की एनालिसिस में यह बात सामने आई है। इस एनालिसिस में पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर के 20 बड़े बैंकों को शामिल किया गया। जून 2024 तिमाही में बैंकों के कॉरपोरेट लोन में सालाना आधार पर 21 पर्सेंट की ग्रोथ रही। प्राइवेट सेक्टर के कैपिटल एक्सपेंडिचर में सुस्ती को लेकर चिंताओं के बीच यह आंकड़ा राहत प्रदान करने वाला है।
एनालिसिस के नतीजे रिजर्व बैंक के उन अनुमानों की तर्ज पर हैं, जिसके तहत वित्त वर्ष 2025 में कैपिटल एक्सपेंडिचर पिछले साल के 1.59 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2.45 लाख करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है। इस हफ्ते के शुरू में केंद्रीय बैंक की तरफ से जारी किए मंथली बुलेटिन में यह अनुमान पेश किया गया था। कॉरपोरेट लोन बुक की ग्रोथ में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक, इंडसइंड बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और साउथ इंडियन बैंक की अहम भूमिका है।
जून तिमाही के दौरान इन बैंकों के कॉरपोरेट बुक में सालाना आधार पर 5-15 पर्सेट की ग्रोथ देखने को मिली और यह ट्रेंड वित्त वर्ष 2024 की अधिकांश अवधि के दौरान कायम रहा। SBI के चेयरमैन दिनेश खारा ने जून तिमाही के नतीजों के बाद इनवेस्टर्स के साथ कॉन्फ्रेंस कॉल में कहा था कि वित्त वर्ष 2025 के दौरान 5 लाख करोड़ के लोन को मंजूरी मिल सकती है। जून तिमाही में बैंक का लोन बुक 1.57 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 11.39 लाख करोड़ रुपये हो गया।
इस दौरान बैंक ऑफ इंडिया का लोन बुक 15.5 पर्सेंट बढ़कर 2.24 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि यूको बैंक का होलसेल लोन 19.98 पर्सेंट की बढ़ोतरी के साथ 64,611 करोड़ रुपये रहा। प्राइवेट बैंकों की बात करें, तो जून तिमाही में कोटक महिंद्रा बैंक का लोन बुक 21 पर्सेंट बढ़कर 93,581 करोड़ रुपये हो गया, जबकि एक्सिस बैंक का लोन बुक 14 पर्सेंट बढ़कर 2.91 लाख करोड़ रुपये रहा।