म्यूचुअल फंड सेविंग्स की पहली पसंद के रूप में उभर रहा है। इसमें सिप का बड़ा हाथ है। लोग 500 और 1000 रुपये से हर महीने म्यूचुअल फंड की स्कीमों में निवेश कर रहे हैं। हर महीने म्यूचुअल फंडों में 20,000 करोड़ रुपये से ज्यादा निवेश हो रहा है। मनीकंट्रोल म्यूचुअल फंड समिट में इस बारे में फंड हाउसेज के सीईओ ने अपनी राय जताई। अभी कुछ म्यूचुअल फंड हाउस निवेशकों को 1000 रुपये से सिप से निवेश करने की इजाजत देते हैं। कुछ 500 रुपये और कुछ 100 रुपये निवेश करने की इजाजत देते हैं।
माइक्रो सिप पर कई कॉस्ट आती है
मुंबई में 21 अगस्त को हुए इस कार्यक्रम में एडलवाइज एसेट मैनेजमेंट की सीईओ राधिका गुप्ता ने कहा कि कई एएमसी बहुत कम अमाउंट से सिप (Micro SIP) की सुविधा इसलिए नहीं देते हैं, क्योंकि इस पर कई तरह की कॉस्ट आती है। हालांकि, उन्होंने कहा कि अगर निवेशक हर महीने एमेजॉन प्राइम और नेटफ्लिक्स के सब्सक्रिप्शन पर 100 रुपये खर्च कर सकते हैं तो वे सिप के लिए भी इतना पैसा अलग कर सकते हैं।
माइक्रो सिप पर व्यापक चर्चा की जरूरत
क्वांटम एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड के फाउंडर और एडवाइजर अजीत दयाल की राय इस मामले में अलग थी। उन्होंने सिप के जरिए छोटे अमाउंट के निवेश पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “अगर कोई निवेशक SIP के जरिए 250 रुपये का निवेश करता है और यह 750 रुपये हो जाता है तो उसकी जिंदगी में क्या बदलाव आएगा?” हालांकि, उन्होंने यह माना कि इससे निवेशकों के लिए निवेश के रास्ते खुल जाएंगे, लेकिन इस बारे में पहले सोचना होगा।
छोटे अमाउंट के सिप से तेज होगी इंडस्ट्री की ग्रोथ
सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने हाल में कहा था कि अगले तीन साल में बड़ी संख्या में निवेशक हर महीने सिर्फ 250 रुपये से म्यूचुअल फंडों में निवेश कर सकेंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि 250 रुपये का सिप न सिर्फ वास्तविक होगा बल्कि यह इंडस्ट्री के लिए भी काफी फायदेमंद होगा। इससे अगले तीन साल में इंडियन म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की ग्रोथ तेज होगी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा था कि छोटे अमाउंट यानी माइक्रो साइज सिप की सुविधा अभी व्यापक स्तर पर देना मुश्किल है। उन्नत टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के बगैर यह फायदेमंद नहीं होगा।