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पेटीएम 6 महीनों में पूरी कर लेगा GIFT सिOटी में ₹100 करोड़ की निवेश योजना

पेटीएम अगले 6 महीनों में 100 करोड़ रुपये की गिफ्ट सिटी निवेश योजना पूरी कर लेगा। पेटीएम की मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड ने कहा है कि ग्लोबल फाइनेंशियल ईको सिस्टम बनाने के लिए गुजरात में गिफ्ट सिटी में 100 करोड़ रुपये का उसका प्लांड इन्वेस्टमेंट अगले 6 महीनों में पूरा हो जाएगा। पेमेंट फर्म ने 21 अगस्त को अपनी एन्युअल रिपोर्ट में कहा, “हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को यह भी जानकारी दी गई है कि कंपनी गिफ्ट सिटी आईएफएससी, गुजरात में सहायक कंपनी के गठन के लिए आवश्यक अनुमोदन प्राप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर रही है। यह प्रक्रिया अगले 6 महीनों के भीतर पूरी होने की उम्मीद है, जो अनुमोदन के अधीन है।”

मनीकंट्रोल की खबर के मुताबिक नोएडा स्थित फर्म ने 10 जनवरी को एक्सचेंजों को बताया कि फर्म ग्लोबल फाइनेंशियल ईको सिस्टम बनाने के लिए गुजरात में गिफ्ट सिटी में 100 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। पेटीएम के संस्थापक और सीईओ विजय शेखर शर्मा ने पहले कहा था, “गिफ्ट सिटी में रणनीतिक निवेश AI संचालित क्रॉस-बॉर्डर रेमिटेंस और पेमेंट टेक्नोलॉजी के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो वैश्विक अवसर प्रस्तुत करता है।”

भारत का पहला वैश्विक वित्तीय केंद्र है GIFT सिटी

कंपनी ने कहा कि निवेश के साथ जिस डेवलपमेंट सेंटर की स्थापना करने का इरादा है, उससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे और वित्तीय सेवाएं प्रदान करने के लिए समर्पित इंजीनियर मिलेंगे। गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (GIFT) भारत का पहला वैश्विक वित्तीय केंद्र है।

ग्लोबल फंड फ्लो को चैनलाइज करने का प्रवेश द्वार

पिछले महीने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि गिफ्ट सिटी IFSC की कल्पना भारत के अंदर स्थित एक यूनीक इंटरनेशनल फाइनेंशियल ज्यूरीडिक्शन के रूप में की गई है, जिसे इंडिया ओरिएंटेड अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा व्यवसाय को ऑनशोर करने के साथ-साथ देश में और देश से बाहर ग्लोबल फंड फ्लो को चैनलाइज करने के लिए एक पसंदीदा प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करने के दोहरे उद्देश्य से स्थापित किया गया है।

यह घोषणा गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी के नियामक द्वारा यह कहने के बाद की गई है कि केंद्रीय बैंक से फीडबैक के बाद पारिवारिक निवेश निधियों (family investment funds) के लिए अनुमोदन रोक दिया गया है, क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक मनी लॉन्ड्रिंग के प्रति सतर्क है।

 

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