विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने अगस्त के पहले पखवाड़े में वित्त क्षेत्र के शेयरों से 14,790 करोड़ रुपये (1.8 अरब डॉलर) की निकासी की। अमेरिका में मंदी की आशंका से वैश्विक जोखिम गहराने के डर से FPI ने बिकवाली पर जोर दिया।
बैंकिंग शेयरों में गिरावट को बढ़ावा देने वाले अन्य कारकों में जून तिमाही में सुस्त आय वृद्धि, कमजोर जमा वृद्धि से जुड़ी चिंता और आरबीआई द्वारा सख्त तरलता मानक शामिल हैं।
इसके विपरीत FPI ने सुरक्षित समझे जाने वाले क्षेत्रों में निवेश किया और हेल्थकेयर तथा FMCG के शेयरों में खरीदारी की। 5 अगस्त को FPI ने 10,073 करोड़ रुपये के शेयर बेचे जो उनकी तीसरी सबसे बड़ी एक-दिवसीय बिकवाली थी। इससे प्रमुख सूचकांकों में 3 प्रतिशत गिरावट को बढ़ावा मिला था। वैश्विक बाजारों में भी अमेरिकी बेरोजगारी से जुड़े निराशाजनक आंकड़ों के बाद गिरावट आई।
अगस्त के पहले पखवाड़े में FPI की कुल शुद्ध निकासी 18,823 करोड़ रुपये रही। अक्सर जोखिम वाली अवधि के दौरान FPI वित्तीय शेयरों से पैसा निकालते हैं क्योंकि उनमें उनकी बड़ी पूंजी लगी होती है। 15 अगस्त तक वित्तीय शेयरों में FPI का निवेश 27.28 प्रतिशत था जो 31 जुलाई के 27.48 प्रतिशत से कम है। आईटी क्षेत्र 9.33 प्रतिशत के साथ दूसरा सर्वाधिक FPI निवेश वाला क्षेत्र रहा।