IRCTC…रेलवे का सबसे दमदार शेयर जिसमें कुछ महीने पहले लगतार तेजी बनी हुई थी। इसी साल अप्रैल में यह शेयर 1100 रुपए से ऊपर ट्रेड कर रहा था वहीं आज यह 21 अगस्त को 0.43 फीसदी ऊपर 935 रुपए पर बंद हुए हैं।। इस रेलवे स्टॉक का आगे क्या भविष्य है? क्या इसमें दोबारा रैली लौटेगी..आज हम इसी पर बात करेंगे। IRCTC एक ऐसा सरकारी रेलवे स्टॉक है जिसका अपने सेगमेंट में मोनोपोली है।
डोमेस्टिक ट्रैवल एंड टूरिज्म में इसकी पोजिशनिंग काफी मजबूत है। रेलवे टिकट से लेकर केटरिंग, यहां तक कि पैकेज्ड वाटर के बिजनेस पर भी कंपनी का एकाधिकार है। आपने जब भी ट्रेन से सफर किया होगा तो ये जरूर ध्यान दिया होगा कि ट्रेन में हो या ट्रेन के बाहर प्लेटफॉर्म पर.. सिर्फ रेल नीर वाटर ही मिलता है। इसका मालिकाना हक IRCTC के पास ही है।
IRCTC अब अफोर्डेबल टूरिज्म पैकेज भी ऑफर कर रही है लेकिन इसमें वॉल्यूम ग्रोथ 15-16 फीसदी से ज्यादा नहीं है। इंटरनेट टिकटिंग में IRCTC का मार्जिन सबसे ज्यादा तो है लेकिन अब ये भी अपने हाइएस्ट लेवल पर पहुंच गया है। कंपनी के सामने दिक्कत ये है कि इंटरनेट टिकटिंग कंपनी का सबसे अहम बिजनेस है और फिलहाल ऐसा कोई फैक्टर्स नहीं दिख रहा है जिससे इस कैटेगरी में मार्जिन बढ़ाया जा सके। उम्मीद है कि सितंबर तिमाही में कंपनी की अर्निंग्स ग्रोथ 15 से 16 फीसदी रह सकती है। ऐसे में अगर IRCTC के शेयरों में गिकावट आता है तो इसमें पैसा लगाना चाहिए।
FY24 से FY26 के दौरान आईआरसीटीसी की अर्निंग्स की CAGR 17 फीसदी रह सकती है। अभी इसका प्राइस-टू-अर्निंग्स ग्रोथ 2.9 गुना है। कंपनी के करेंट वैल्यूएशन पर आईआरसीटीसी के शेयरों की रिरेटिंग की उम्मीद नहीं है। इसलिए इस स्टॉक में गिरावट आने पर खरीदारी की जा सकती है।
IRCTC अपने शेयरहोल्डर्स को 4 रुपए प्रति शेयर का डिविडेंड देने वाली है। यह डिविडेंड फिस्कल ईयर 2023-2024 के लिए है। इसका रिकॉर्ड डेट 23 अगस्त 2024 है। यानि 23 अगस्त तक जिन निवेशकों के पास कंपनी के शेयर हैं उन्हें डिविडेंड मिल सकता है।
अब आइए जान लेते हैं कि IRCTC के शेयरों को किन चीजों से सपोर्ट मिलेगा।
सरकार 475 वंदे भारत ट्रेन शुरू करने की तैयारी में है। मीडियम टर्म में इसका फायदा IRCTC को मिलने का चांस है। ये 475 ट्रेन अगले तीन साल में लॉन्च होने वाली हैं। नए ट्रेन शुरू होने से IRCTC की केटरिंग सर्विस का बिजनेस भी बढ़ेगा। इसके साथ ही रेल नीर की सेल्स में भी तेजी आएगी। कंपनी के मैनेजमेंट का कहना है कि नॉन-कनवीनिएंस फीस से इंटरनेट टिकटिंग बिजनेस का ग्रोथ मजबूत होगा।
जब तक पैसेंजर ट्रेनों की क्षमता नहीं बढ़ती है IRCTC के सभी बिजनेस की ऑर्गेनिक ग्रोथ सामान्य रह सकती है। IRCTC का मानना है कि डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर शुरू होने से रेल लाइनों पर लोड कम हो जाएगा। इससे पैसेंजर ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जा सकती है।
कुल मिलाकर देखें तो इस बात में कोई संदेह नहीं कि IRCTC लॉन्ग टर्म ग्रोथ के लिए तैयार है। बिजनेस में इसके मोनोपोली या एकाधिकार के सामने कोई भी चैलेंज नहीं है।
पहले कंपनी की अर्निंग्स में अच्छी ग्रोथ इसलिए दिखी थी कि कंपनी को इंटरनेट टिकटिंग कनवीनिएंस फीस में रेलवे को हिस्सा नहीं देना पड़ता था। अब ऐसा नहीं है। हालांकि, रेलवे के साथ रेवेन्यू शेयरिंग में बदलाव से इनकार नहीं किया जा सकता।