Mazagon Dock Shipbuilders: सरकारी डिफेंस कंपनी मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड का मानना है कि जून में कंपनी का जो मार्जिन रहा, वह आने वाली तिमाहियों में टिकाऊ नहीं रहेगा। सीएनबीसी-टीवी18 से खास बातचीत में मझगांव डॉक के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर संजीव सिंघल का कहना था कि वित्त वर्ष 2025 में कंपनी का इबिट्डा 11-12 पर्सेंट के लेवल पर रह सकता है।
उन्होंने कहा, ‘हम कैश सरप्लस कंपनी हैं और यहां वर्किंग कैपिटल की चिंता नहीं है। साथ ही, कर्ज या किसी तरह की अन्य लाइबिलिटी की भी चिंता नहीं है। जहां तक प्रोजेक्ट्स का सवाल है, तो वाजिब मार्जिन 10 से 12 पर्सेंट के आसपास होगा। रिपेयर वर्टिकल और ऑफशोर प्रोजेक्ट्स की शुरुआत को ध्यान में रखते हुए मैं कहूंगा कि 10-12 पर्सेंट का लेवल बेहतर मार्जिन होगा।’ जून तिमाही में मझगांव डॉक का इबिट्डा मार्जिन उछलर 27.3 पर्सेंट पर पहुंच गया, जो पिछले साल की इसी अवधि में 7.9 पर्सेंट था।
कंपनी के बेहतर ऑपरेशनल परफॉर्मंस की मुख्य वजह मटीरियल कॉस्ट में तेज गिरावट है। जून तिमाही में कंपनी की मटीरियल कॉस्ट 1,106 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल की इसी तिमाही में 1,433 करोड़ रुपये थी। इसके अलावा, बेस और डिपो स्पेयर्स की प्रोक्योरमेंट कॉस्ट आधे से भी ज्यादा घटकर 109.2 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जबकि पिछले साल की इसी अवधि में यह कॉस्ट 214.7 करोड़ रुपये रही थी।
ब्रोकरेज फर्म ICICI सिक्योरिटीज ने 16 अगस्त को जारी अपने नोट में कहा है कि मौजूदा कॉन्ट्रैक्ट के लागू होने के बाद मझगांव डॉक के मार्जिन में गिरावट होगी। ब्रोकरेज फर्म ने इस स्टॉक के लिए ‘सेल’ बनाए रखी है, जबकि इसका टारगेट प्राइस 1,165 रुपये रखा है। इसका मतलब है कि ब्रोकरेज फर्म को कंपनी के शेयरों में मौजूदा लेवल से 75 पर्सेंट से भी ज्यादा गिरावट की आशंका है। सिंघल के मुताबिक, कंपनी के पास फिलहाल 40,000 करोड़ का ऑर्डर बुक है। इसमें 30 शिप का भी ऑर्डर शामिल हैं, जिनकी डिलीवरी अगले कुछ वर्षों में की जानी है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में 21 अगस्त को मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स का शेयर 5.58 पर्सेंट की बढ़त के साथ 4,539.65 रुपये पर बंद हुआ था। यह स्टॉक 5 जुलाई के अपने रिकॉर्ड हाई (5,860 रुपये) से 25 पर्सेंट नीचे है।