गोल्ड की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई से कुछ गिरी हैं। निवेशक अगले महीने अमेरिका में इंटरेस्ट रेट में कमी का इंतजार कर रहे हैं। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की मीटिंग सितंबर में तीसरे हफ्ते में है। अमेरिका में इंटरेस्ट रेट में कमी का असर गोल्ड की कीमतों पर पड़ेगा। 21 अगस्त को स्पॉट गोल्ड का प्राइस हल्की तेजी के साथ 2,517.08 डॉलर प्रति औंस चल रहा था। 20 अगस्त को प्राइस 2,531.60 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया था।
इस साल गोल्ड ने दिया 22% रिटर्न
यूएस गोल्ड फ्यूचर्स भी 0.2 फीसदी की हल्की तेजी के साथ 2,554.90 प्रति औंस चल रहा था। इस साल गोल्ड का भाव 22 फीसदी यानी 470 डॉलर चढ़ा है। इसमें जियोपॉलिटकल टेंशन और अमेरिका में इंटरेस्ट रेट में कमी के अनुमान का हाथ है। उधर, अमेरिका में राष्ट्रपति चुनावों के नतीजों को लेकर स्थिति अनिश्चित लग रही है। इधर, इंडिया में 21 अगस्त को गोल्ड की कीमतों में तेजी देखने को मिली। 24 कैरेट गोल्ड का भाव 550 रुपये के उछाल के साथ 73,200 रुपये प्रति 10 ग्राम चल रहा था।
सितंबर में अमेरिका में इंटरेस्ट रेट घटने की उम्मीद
CME FedWatch टूल के मुताबिक, ट्रेडर्स को अगले महीने अमेरिका में इंटरेस्ट रेट घटने की उम्मीद है। 68 फीसदी एक्सपर्ट्स का मानना है कि सितंबर में फेडरल रिजर्व इंटरेस्ट रेट में 0.25 फीसदी कमी कर सकता है। इस बीच, डॉलर गिरकर इस साल के निचले स्तर पर आ गया है। 10 साल के बॉन्ड की यील्ड भी घटी है। इससे निवेशकों के बीच सोने में निवेश की दिलचस्पी बढ़ी है। इस बीच, निवेशकों की नजरें शुक्रवार को अमेरिकी इकोनॉमी को लेकर फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल की स्पीच पर लगी हैं।
कीमतों में आ सकती है नरमी
वोंग के हवाले से रायटर्स ने लिखा है कि बाजार पर पहले ही अमेरिका में इंटरेस्ट रेट में कमी के अनुमान का असर पड़ चुका है। सिटी इंडेक्स के सीनियर एनालिस्ट मैट सिंपसन ने कहा है कि कीमतें आगे नीचे जाती दिख रही हैं। ऐसे में ट्रेडर्स सावधानी बरतने की सलाह है।
पोर्टफोलियो में गोल्ड की हिस्सेदारी बढ़ाने का सही समय
गोल्ड के शानदार प्रदर्शन और बाजार की मौजूदा स्थितियों को देखते हुए निवेशक अपने पोर्टफोलियो में गोल्ड की हिस्सेदारी बढ़ा सकते हैं। आर्थिक अनिश्चितता और जियोपॉलिटिकल टेंशन के बीच सोने की कीमतों में उतारचढ़ाव देखने को मिला है। हालांकि, निवेश से पहले निवेशकों को अपने रिस्क लेने की क्षमता के बारे में जान लेना चाहिए। गोल्ड पोर्टफोलियो के डायवर्सिफिकेशन में मदद करता है। एक्सपर्ट्स निवेशकों को पोर्टफोलियो में गोल्ड शामिल करने की सलाह देते हैं।