आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ( Aditya Birla Group Chairman) ने गुरुवार को कहा कि वोडाफोन-आइडिया की तरफ से 18,000 करोड़ रुपये जुटाने के बाद कंपनी पटरी पर आएगी। कंपनी भारी प्रतिस्पर्धा के बीच ग्राहकों को बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही है।
बिड़ला ने एफपीओ के सूचीबद्ध होने वाले कार्यक्रम में पत्रकारों से कहा कि कंपनी अपने नेटवर्क को बढ़ाने और चुनिंदा 5जी सेवाओं को पेश करने पर ध्यान केंद्रित करेगी।
उन्होंने कहा, नीतियों को लेकर आज का माहौल निवेश, नवोन्मेष और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दे रहा है। भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ रही है और इस वृद्धि को सहारा देने के लिए मजबूत दूरसंचार नेटवर्क अहम है। 1.4 अरब की आबादी वाले देश में निजी क्षेत्र की तीन दूरसंचार कंपनियों की दरकार है।
वोडाफोन आइडिया के शेयर में आज 5 फीसदी से ज्यादा की उछाल दर्ज हुई। इससे पहले सुबह अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (Voda Idea FPO) में जारी 18,000 करोड़ रुपये के नए शेयरों की ट्रेडिंग शुरू हुई।
शुरुआती कारोबार में शेयर 10 फीसदी तक टूट गया था, लेकिन दिन के निचले स्तर से करीब 17 फीसदी सुधरकर 13.8 रुपये पर बंद हुआ। एनएसई व बीएसई पर कुल 10.6 अरब शेयरों (14,320 करोड़ रुपये) की ट्रेडिंग हुई। यह पहला मौका है जब किसी कंपनी के शेयरों की एक दिन की ट्रेडिंग में वॉल्यूम 10 अरब के पार निकला हो।
एफपीओ के 11 लाख से ज्यादा आवेदकों ने अपने निवेश की वैल्यू में पहले दिन के कारोबार में 25 फीसदी की बढ़ोतरी देखी। वोडा आइडिया का एफपीओ देश का अब तक का सबसे बड़ा एफपीओ था और इसे करीब सात गुना आवेदन मिले। ज्यादातर बोलियां विदेशी फंडों मसलन जीक्यूजी पार्टनर्स, फिडेलिटी, यूबीएस और मॉर्गन स्टैनली ने लगाई। एफपीओ की खुदरा श्रेणी में बमुश्किल पूरे आवेदन मिले।
विश्लेषकों ने कहा कि उन निवेशकों की मांग से शेयर की कीमतों में इजाफा हुआ जो कर्ज में फंसे ऑपरेटर की किस्मत बदलने की उम्मीद कर रहे हैं लेकिन उनका मानना है कि और बढ़ोतरी सीमित रह सकती है।
एफपीओ के बाद वोडा आइडिया की चुकता पूंजी बढ़कर 66,483 करोड़ रुपये और कुल शेयरों की संख्या करीब 66.5 अरब हो गई है और दोनों ही मामलों में यह आंकड़ा देश में सूचीबद्ध फर्मों में सबसे ज्यादा है।
नुवामा इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज ने इस हफ्ते कहा था कि वोडा आइडिया की बड़ी समस्या एफपीओ और टैरिफ बढ़ोतरी के बाद भी उसकी बैलेंस शीट में है। उसकी 2.5 लाख करोड़ रुपये की देनदारी है।
नुवामा ने कहा कि बिड़ला समूह की फर्म को अपनी देनदारी चुकाने के लिए सरकार से कुछ छूट की दरकार होगी और अगर वह इसका प्रबंध कर भी लेती है तो भी उसे स्थापित कंपनियों से प्रतिस्पर्धा करनी होगी जिनकी वित्तीय स्थिति अच्छी है।
ब्रोकरेज ने कहा, हम वोडा आइडिया की लक्षित कीमत बढ़ाते हुए उसमें निवेशित रहें की रेटिंग दे रहे हैं। हमें लगता है कि कंपनी परिचालन में बनी रहेगी। नुवामा ने वोडा आइडिया की लक्षित कीमत 14 रुपये बताई है।