Vedanta Limited: वेदांता लिमिटेड अपनी बैलेंस शीट को बेहतर बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। अनिल अग्रवाल की अगुवाई वाली इस माइनिंग कंपनी ने अलग-अलग स्रोतों के जरिये 20,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इसके तहत सब्सिडियरी कंपनी हिंदुस्तान जिंक से मिले डिविडेंड, हिंदुस्तान जिंक के शेयरों की बिक्री और इंस्टीट्यूशनल शेयरहोल्डर्स को वेदांता के शेयरों की बिक्री के जरिये रकम जुटाई गई है।
वेदांता की सब्सिडियरी हिंदुस्तान जिंक ने 20अगस्त को 19 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से अपना दूसरे अंतरिम डिविडेंड का ऐलान किया है। यह मार्च 2023 के बाद कंपनी की तरफ से घोषित किया गया सबसे ज्यादा डिविडेंड है।
डिविडेंड के ऐलान से एक दिन पहले वेदांता ने बताया था कि उसने ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिये हिंदुस्तान जिंक की 1.5 पर्सेंट हिस्सेदारी बेची है और इस तरह कंपनी में उसकी हिस्सेदारी घटकर 63.42 पर्सेंट हो गई है। 486 रुपये प्रति शेयर के फ्लोर प्राइस के लिहाज से हिंदुस्तान जिंक में स्टेक सेल की वैल्यू 3,091 करोड़ रुपये बैठती है।
हिंदुस्तान जिंक में वेदांता की मौजूदा हिस्सेदारी के आधार पर उसे डिविडेंड के तौर पर 5,100 करोड़ रुपये मिलेंगे। इससे पहले हिंदुस्तान जिंक ने इस साल मई में 10 रुपये प्रति शेयर के पहले अंतरिम डिविडेंड का भुगतान किया था, जिसके आधार पर वेदांता को 2,743 करोड़ रुपये मिले थे। वेदांता ने पिछले महीने इंस्टीट्यूशनल सेल के जरिये 8,500 करोड़ रुपये जुटाए थे। इसके तहत 440 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से 19.31 करोड़ शेयरों की बिक्री की गई थी।
वेदांता को हिंदुस्तान जिंक के दो डिविडेंड से तकरीबन 8,000 करोड़ मिले हैं, जबकि कंपनी ने QIP के जरिये 8,500 करोड़ रुपये और हिंदुस्तान जिंक में स्टेक सेल से तकरीबन 3,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इस तरह वेदांता ने कुल 19,425 करोड़ रुपये जुटाए हैं। वेदांता ने अगले दो साल में ग्रुप के लेवल पर 3.5 अरब डॉलर के कैपिटल एक्सपेंडिचर का प्लान तैयार किया है। कंपनी द्वारा जुटाई गई रकम का इस्तेमाल इन योजनाओं में ही किया जा सकता है। साथ ही, वेदांता इस रकम का इस्तेमाल महंगे कर्जों के भुगतान आदि में भी कर सकती है।
ब्रोकरेज फर्म जेपी मॉर्गन (JPMorgan) ने वेदांता का प्राइस टारगेट 395 रुपये से बढ़ाकर 410 रुपये कर दिया है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में 20 अगस्त को कंपनी का शेयर 0.88 पर्सेंट बढ़कर 446.65 रुपये पर बंद हुआ।