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मोतीलाल ओसवाल और कोटक इक्विटीज का अनुमान, HDFC बैंक के शेयरों में दिख सकती है 13% तक की बढ़ोतरी

देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक, HDFC बैंक ने पिछले साल अंडरपरफॉर्म किया है, लिहाजा भविष्य में इसके रिटर्न और ग्रोथ को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। पिछले साल बैंक का HDFC लिमिटेड के साथ मर्जर हुआ था। बैंकिंग इंडस्ट्री फिलहाल ऊंचे क्रेडिट-डिपॉजिट रेशियो की चुनौती का सामना कर रही है। एनालिस्ट्स की नजर इस बात पर है कि प्रॉफिट मेंटेन करने के लिए बैंक इस चुनौती से किस तरह निपटते हैं।

HDFC बैंक ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा है कि बैंक मीडियम टर्म में टिकाऊ ग्रोथ हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए वह फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल क्षमताओं में निवेश जारी रखेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि लाइबिलिटी कॉस्ट और लोन मिक्स ज्यादा रहने की वजह से बैंक के मार्जिन में लगातार गिरावट हो रही है। हालांकि, बैंक की एसेट क्वॉलिटी मजबूत है और उसकी सब्सिडियरीज की परफॉर्मेंस भी मजबूत है।

कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज और मोतीलाल ओसवाल के एनालिस्ट्स ने HDFC बैंक के लिए ‘बाय’ रेटिंग दी है और इसके लिए टारगेट प्राइस 1,850 रुपये तय किया है। इसका मतलब है कि ब्रोकरेज फर्मों को बैंक के शेयरों में मौजूदा प्राइस से 13 पर्सेंट तक की तेजी देखने को मिल सकती है। मोतीलाल ओसवाल का मानना है कि क्रेडिट-डिपॉजिट रेशियो ज्यादा रहने की वजह से निकट भविष्य में बैंक की ग्रोथ थोड़ी सुस्त रह सकती है।

 

HDFC बैंक ने पिछले दो साल में अपनी बॉरोइंग को घटाकर 60,000 करोड़ रुपये कर लिया है। वित्त वर्ष 2025 के अंत तक इसमें और कमी आने की संभावना है। मोतीलाल ओसवाल के मुताबिक, इस स्ट्रैटेजिक बदलाव से बैंक की बैलेंस शीट मजबूत होने की उम्मीद है और मार्जिन एक्सपैंशन को भी सहारा मिलेगा।

डिस्क्लेमर: stock market news पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए जिम्मेदार नहीं है। यूजर्स को stock market news की सलाह है कि निवेश से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

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