फोकस फंड क्या होता है और यह बाजार में किस तरह निवेश करता है? इन्हीं सभी विषयों पर बात करते हुए ICICI Prudential Mutual Fund के फंड मैनेजर वैभव दुसाद (Vaibhav Dusad) ने सीएनबीसी-आवाज से कहा कि फोकस फंड एक तरह का कंसंट्रेटेड फंड होता है जिसमें अधिकतम 25-30 स्टॉक में निवेश करते है। इस फंड में चुनिंदा स्टॉक्स में निवेश का विकल्प मिलता है।
फोकस फंड में हर सेक्टर से 3-4 स्टॉक नहीं खरीदते। बल्कि हर सेक्टर से 1 स्टॉक की खरीदारी की जाती हैं। फोकस फंड से बैंकिंग सेक्टर से ज्यादा स्टॉक सेलेक्शन किया जाता है और ज्यादा मुनाफे वाले स्टॉक्स पर नजर रखी जाती है। वैभव दुसाद ने कहा कि फोकस फंड में ICICI Pru Focused Equity Fund में मार्केट कैप पर कोई बाध्यता नहीं होती। किसी भी स्टॉक की खरीदारी कर सकते हैं। पिछले 2 साल से लार्ज और मिडकैप में ज्यादा निवेश किया है। स्मॉल कैप को शामिल नहीं किया गया है। स्मॉल कैप में पॉजिटिव सरप्राइज और वैल्यूएशन कंफर्ट की कमी नजर आ रही है। इस फंड में लार्ज और लार्ज-मिडकैप ज्यादा है। लार्ज कैप, लार्ज मिडकैप से फंड में स्थिरता रहती है।
किन स्टॉक का चुनाव? इस सवाल का जवाब देते हुए वैभव दुसाद ने बताया कि फंड में लार्ज कैप, लार्ज मिडकैप की संख्या ज्यादा है। 4 साल पहले स्मॉलकैप में निवेश करते थे। स्मॉलकैप में वैल्यूएशन और रिस्क ज्यादा है। स्टॉक सेलेक्शन के दौरान स्टॉक के रिलेटिव वैल्यू की समीक्षा करते है। पिछले 2 साल से लार्ज कैप खरीदारों पर नजर बनाई हुई है। एब्सल्यूट से ज्यादा रिलेटिव वैल्यू पर फोकस करते है। क्वालिटी, ग्रोथ रेट, वैल्यूएशन जैसे पहलू पर नजर रखते है। कंपनी में क्राइसिस से स्टॉक वैल्यूएशन बढ़ती है। वैल्यूएशन बढ़ने पर स्टॉक का चुनाव करते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि बैंकिंग सेक्टर के फंड्स का वेटेज कम है। जबकि इंश्योरेंस, NBFC की हिस्सेदारी ज्यादा है।
बैंकिंग सेक्टर का वेटेज क्यों घटा? इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि बैंकिंग सेक्टर में डिपॉजिट की समस्या है। डिपॉजिट ग्रोथ 14-15% से गिरकर 8-9% हुआ। इक्विटी मार्केट में सेक्टर का इनफ्लो बढ़ा है। सेक्टर के सामने नेम एक्सपेंशन की चुनौती है। पिछले 2 साल में फ्रेट कॉस्ट काफी कम हुआ है। भविष्य में फ्रेट कॉस्ट बढ़ सकता है। वैल्यूएशन के हिसाब से बैंकिंग सेक्टर बेहतर रहा। फॉर्मेंस के आधार पर वेटेज बढ़ेगा।
कौन से सेक्टर बेहतर?इस सवाल का जवाब देते हुए वैभव दुसाद ने कहा कि कंजम्प्शन सेक्टर का प्रदर्शन बेहतर रहा है। भविष्य में मास कंजम्पशन सेक्टर में सुधार संभव है। ग्रामीण क्षेत्रों की महंगाई सीमित दायरे में आई। इनपुट कॉस्ट, फर्टिलाइजर के दाम दायरे में आए। फसलों पर मुनाफा बढ़ा है। कोविड के बाद सेविंग्स पर बुरा असर पड़ा है। वहीं सीमेंट के वॉल्यूम नंबर में सुधार देखने को मिल रहा है। कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी सुधरने से रेमिटेंस बढ़ा है।
मल्टी कैप फंड vs फोकस फंड कौन है बेहतर? इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि मल्टी कैप फंड में ज्यादा सहूलियत है। मल्टी कैप फंड में स्टॉक की बाध्यता नहीं है। फोकस फंड में स्टॉक्स के सीमित विकल्प मौजूद है। फोकस फंड में फंड मैनेजर को ज्यादा सहूलियत है। मल्टी कैप फंड में स्मॉल कैप से आसान एग्जिट मिलता है।