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4 जून के झटके से नहीं उबर पाए ये स्टॉक्स, तेजी के बावजूद 30% शेयर अब भी लाल निशान में

शेयर बाजार ने 4 जून की भारी गिरावट बाद से वापसी कर ली है। हालांकि BSE-500 और BSE MidCap इंडेक्स के करीब 30 प्रतिशत शेयर अभी भी अपने 4 जून के स्तर को वापस नहीं छू पाए हैं। सबसे बुरा हाल तो सरकारी कंपनियों के स्टॉक का है। शेयर बाजार में लिस्ट करीब आधे यानी 50 पर्सेंट सरकारी कंपनियों के शेयर अभी तक उनके 4 जून के स्तर से नीचे हैं। BSE 500 इंडेक्स के करीब 159 स्टॉक्स और BSE MidCap के 41 स्टॉक्स अभी भी 4 जून के स्तर से नीचे हैं। वहीं शेयर बाजार में लिस्टेड कुल 102 कंपनियों में 49 कंपनियों को अभी भी 4 जून की गिरावट से उबरना बाकी हैं। स्मॉलकैप सेगमेंट में तो 23 प्रतिशत यानी 220 स्टॉक्स अब भी नीचे हैं।

हालांकि इसके उलट, बेंचमार्क इंडेक्स Sensex और Nifty जून में भारी गिरावट के बाद से तीन प्रतिशत से अधिक बढ़ चुके हैं। BSE MidCap और SmallCap इंडेक्स ने भी बेहतर प्रदर्शन किया है और इनमें 4 जून के बाद से क्रमशः 5 प्रतिशत और 10 प्रतिशत की तेजी आ चुकी है। BSE 500 इंडेक्स भी इस दौरान चार प्रतिशत ऊपर गया है।

BSE 500 और MidCap स्टॉक्स में सबसे अधिक गिरावट Thermax में देखने को मिली है। 4 जून के स्तर से यह स्टॉक अभी भी 23 प्रतिशत नीचे है। हालांकि पिछले एक साल में यह शेयर 70 फीसदी ऊपर चढ़ा है। Adani Total Gas और Adani Power के शेयर भी 4 जून के स्तर से करीब 21 प्रतिशत नीचे हैं। हालांकि इन दोनों शेयरों ने पिछले एक साल में क्रमश: 35 फीसदी और 151 फीसदी का रिटर्न दिया है।

इनके अलावा पूनावाला फिनकॉर्प, RBL बैंक, इक्विटास SFB, जिंदल स्टेनलेस, RHI मैग्नेसिटा इंडिया, और मैक्रोटेक डेवलपर्स के शेयर भी 4 जून के स्तर से 17 प्रतिशत से लेकर 20 प्रतिशत तक नीचे हैं।

अगर स्मॉलकैप शेयरों की बात करें तो, वारी रिन्यूएबल टेक्नोलॉजीज का शेयर 4 जून के स्तर से करीब 40 प्रतिशत नीचे कारोबार कर रहा है। हालांकि पिछले एक साल में इसका शेयर करीब 490 फीसदी बढ़ा है। बाकी स्टॉक्स में फ्यूजन माइक्रो फाइनेंस, सांघवी मूवर्स, स्पंदना स्फूर्ति फाइनेंस, NDTV, रतनइंडिया पावर, और मेडिकामेन बायोटेक भी 4 जून के स्तर से करीब 20 प्रतिशत तक नीचे हैं।

मार्केट एनालिस्ट्स का कहना है कि चुनाव से पहले बीजेपी की पूर्ण बहुमत के साथ वापसी की उम्मीदों के चलते बाजार में तेजी देखने को मिली थी। हालांकि चुनाव नतीजे उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहे, जिसके चलते उस दिन बाजार में भारी गिरावट आई थी। चुनाव नतीजों के बाद, शेयर बाजार ने फंडामेंटल्स और अन्य चीजों की ओर ध्यान दिया। हालांकि ब्याज दरों में कटौती की संभावना आगे बढ़ने से मिडकैप और स्मॉलकैप सेगमेंट का प्रदर्शन कमजोर रहा।

मेहता इक्विटीज के सीनियर वाइस-प्रेसिडेंट (रिसर्च), प्रशांत ताप्ते ने कहा कि कंपनियों के हालिया तिमाही नतीजे भी बाजार की उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहे और इसके चलते भी इन स्टॉक्स में बड़े मूव नहीं देखने को मिले।

 

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