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Global Markets: अमेरिकी शेयर बाजारों में नवंबर 2022 के बाद की सबसे बड़ी तेजी, एशियाई बाजार भी उछले, जानें कारण

Global Markets: अमेरिका में रोजगार से जुड़े नए आंकड़ों ने मंदी की चिंताओं को कम कर दिया है। इसके चलते वॉल स्ट्रीट में जोरदार उछाल देखने को मिली और S&P 500 नवंबर 2022 के बाद की अपनी सबसे बड़ी तेजी दर्ज की। S&P 500 करीब 2.3% ऊपर बंद हुआ। नैस्डैक-100 इंडेक्स 3.1% बढ़ा और स्मॉलकैप शेयरों का रसेल 2000 इंडेक्स 2.4% बढ़ा। नए आंकड़े बताते हैं कि अमेरिका में पिछले हफ्ते बेरोजगारी दावों में एक साल की सबसे अधिक गिरावट आई। लार्जकैप शेयरों में एनवीडिया (Nvidia) टॉप गेनर्स रहा। वहीं एली लिली ने मजबूत आउटलुक और वजन घटाने वाली दवाओं की बिक्री के कारण 9.5% की छलांग लगाई

अमेरिकी शेयरों में तेजी के संकेतों के चलते शुक्रवार को अधिकतर एशियाई शेयर बाजार भी तेजी के साथ खुले। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले येन में शुक्रवार को थोड़ी कमजोरी आई और यह लगातार चौथे दिन कमजोर हुआ। इस बीच 10 साल की अवधि वाले अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में 0.04 फीसदी की तेजी आई और यह 3.99 फीसदी रहा। यहां तक कि क्रिप्टोकरेंसी में भी तेजी आई क्योंकि निवेशकों ने वापस जोखिम भरे एसेट्स की ओर रुख किया है।

हालांकि पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के कारण क्रूड ऑयल के फ्यूचर्स मार्केट में लगातार तीसरे दिन तेजी दर्ज की है।

 

सोशल फाइनेंस इंक की लिज यंग थॉमस ने ब्लूमबर्ग को बताया, “यह काफी अच्छा सप्ताह रहा। उतार-चढ़ाव, वो भी हर तरफ। हमने सीखा कि बाजार अमेरिकी इकोनॉमी से जुड़े आंकड़ों को लेकरर कितने संवेदनशील है, येन कैरी ट्रेड का असर ग्लोबल लेवल पर कितना व्यापक हो सकता है और निवेशक हर मुश्किल स्थिति में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद करने के लिए कितने तैयार हैं।”

इससे पहले जुलाई महीने में अमेरिकी नौकरियों में कमी की रिपोर्ट आने के अमेरिकी इकोनॉमी के मंदी की चपेट में जाने की आशंका जताई जाने लगी थी। इसके चलते पिछले दिनों दुनिया भर के शेयर बाजारों में भारी गिरावट आई थी। इसके अलावा येन कैरी ट्रेड के असर ने इस गिरावट को और बढ़ा दिया था।

रेनेसां मैक्रो रिसर्च के नील दत्ता ने ब्लूमबर्ग को बताया, “आज हमें बेरोजगारी दावों से जुड़े साप्ताहिक आंकड़ों के कारण तेजी देखने को मिल रही है। यह थोड़ा असामान्य है। अगर आपको अगले हफ्ते आंकड़ों में कुछ गिरावट देखने को मिला, तो फिर क्या होगा? इससे इस सेंटीमेंट को फिर से मजबूती मिलेगी कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व अपनी कोशिशों में अभी भी पीछे है, जो गिरावट का कारण बन सकती है।”

 

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