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Market outlook: सपाट बंद हुआ बाजार, जानिए 7 अगस्त को कैसी रह सकती है इसकी चाल

Stock markets : 6 अगस्त को भारी उतार-चढ़ाव भरे कारोबारी सत्र में भारतीय बेंचमार्क इंडेक्स मामूली गिरावट के साथ बंद हुए हैं। निफ्टी 24,000 से नीचे बंद हुआ है। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 125.84 अंक या 0.16 फीसदी की गिरावट के साथ 78,633.56 पर और निफ्टी 63.05 अंक या 0.26 फीसदी की गिरावट के साथ 23,992.55 पर बंद हुआ है। एचडीएफसी लाइफ, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, श्रीराम फाइनेंस, बीपीसीएल और एसबीआई निफ्टी के टॉप लूजर रहे। जबकि ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज, जेएसडब्ल्यू स्टील, एचयूएल, एलएंडटी और टेक महिंद्रा निफ्टी के टॉप गेनर रहे।

अगल-अलग सेक्टरों की बात करें तो ऑटो, बैंक और तेल-गैस में 0.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, जबकि आईटी, मेटल, रियल्टी में 0.3-0.8 फीसदी की तेजी दर्ज की गई। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.5 फीसदा की गिरावट दर्ज की गई।

7 अगस्त को कैसी रह सकती है बाजार की चाल

प्रोग्रेसिव शेयर्स के निदेशक आदित्य गग्गर का कहना है कि हालांकि शुरुआती कारोबार में तेजी देखने को मिली लेकिन इंडेक्स अपनी बढ़त को बरकरार नहीं रख पाया और धीरे-धीरे सारी तेजी चली गई। कारोबारी सत्र के दूसरे हिस्से में बिकवाली का दबाव बढ़ गया और इंडेक्स ने अपनी सारी बढ़त गंवा दी। सत्र के अंत में निफ्टी 63.05 अंकों की गिरावट के साथ 23,992.55 पर बंद हुआ। पूरे बाजार में मिला-जुला रुख देखने को मिला। जहां रियल्टी और आईटी में सबसे ज्यादा बढ़त देखने को मिली, वहीं, पीएसयू बैंकों में सबसे ज्यादा गिरावट आई और उसके बाद ऑटो का नबंर रहा।

ब्रॉडर मार्केट में मिडकैप और स्मॉलकैप में 0.61 फीसदी और 0.39 फीसदी की गिरावट। मिडकैप और स्मॉलकैप ने फ्रंटलाइन इंडेक्स से कमजोर प्रदर्शन किया। अब निफ्टी के लिए शॉर्ट टर्म नजरिया मंदी का हो गया है। जब तक निफ्टी 24,400 से ऊपर जाकर मजबूती नहीं दिखाता इसमें कमजोरी कायम रहेगी। जबकि नीचे की तरफ इसके 50डीएमए यानी 23,880 के स्तर पर तत्काल सपोर्ट दिख रहा है।

 

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के वी के विजयकुमार ने कहा, “घरेलू लिक्विडिटी में बढ़त बाजारों में करेक्शन की वजह बन सकती है। ऐसा लगता है कि अमेरिका में मंदी की आशंकाएं समय से पहले और बढ़ाचढ़ा कर जताई जा रही हैं। निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है। अच्छे लार्ज कैप शेयरों को धीरे-धीरे पोर्टफोलियो में जोड़ें। “यह समझना जरूरी है कि भारत में आया करेक्शन अधिकांश बाजारों की तुलना में कम था। एक बार फिर, घरेलू निवेशक बाजार को बचाने के लिए आगे आए और डीआईआई ने 9,155 करोड़ रुपये की खरीदारी की। जबकि एफआईआई ने नकद बाजार में 10,073 रुपये के शेयर बेचे।”

डिस्क्लेमर: stock market news पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को stock market news की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

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