स्टॉक मार्केट्स में 6 अगस्त को पहले अच्छी रिकवरी दिखी। लेकिन, दोपहर बाद बाजार के प्रमुख सूचकांक लाल निशान में आ गए। 5 अगस्त को सेंसेक्स और निफ्टी दोनों 2.5 फीसदी से ज्यादा गिरे थे। इससे पहले 2 अगस्त को भी बाजार में बड़ी गिरावट आई थी। हालांकि, घरेलू बाजार में गिरावट की वजह ग्लोबल मार्केट्स में बिकवाली की वजह से आई है। फिर भी, इस गिरावट ने निवेशकों को डरा दिया है।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ धीरज रेल्ली ने कहा कि अमेरिका में रोजगार के खराब आंकड़ों और इकोनॉमी के रिसेशन में जाने के डर से इनवेस्टर्स ने बिकवाली की है। उधर, जापान में ट्रेडर्स के येन में कैरी ट्रेड में पॉजिशन अनवाइंड करने का असर भी फाइनेंशियल मार्केट्स पर पड़ा है। जापान के केंद्रीय बैंक ने इंटरेस्ट रेट बढ़ाया है, जिससे ट्रेडर्स कैरी ट्रेड के अपने सौदे काट रहे हैं। सवाल है कि अभी निवेशकों को क्या करना चाहिए?
बड़े फैसले लेने से बचें
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का कहना है कि अभी म्यूचुअल फंड निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए। उन्हें अभी म्यूचुअल फंड्स की यूनिट्स खरीदने या बेचने के बड़े फैसले लेने से बचना चाहिए। मल्टी आर्क वेल्थ-इपसिलोन मनी ग्रुप के असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट सिद्धार्थ आलोक ने कहा कि अगर आगे वैल्यएशन बढ़ती है तो बाजार में आगे और गिरावट दिख सकती है। स्टॉक मार्केट कभी एक दिशा में नहीं चलता है।
SIP से इनवेस्टमेंट करते रहें
म्यूचुअल फंड में निवेश और शेयरों में निवेश में फर्क है। अगर आपका SIP चल रहा है तो उसे जारी रखें। लंबी अवधि के निवेश के लिए सिप का रास्ता सबसे अच्छा है। म्यूचुअल फंड्स के फंड मैनेजर्स बाजार की स्थितियों को ध्यान में रख निवेश का सही फैसला लेते हैं। ट्रस्ट म्यूचुअल फंड के सीईओ संदीप बगोला ने कहा कि अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं तो गिरावट के दौरान आपको निवेश के बारे में सोचना चाहिए। खासकर उन शेयरों में निवेश किया जा सकता है, जिनमें वैल्यूएशन ज्यादा नहीं है।
रिस्की स्टॉक्स और सेक्टर से दूर रहें
विजडम रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उन शेयरों और सेक्टर में निवेश बढ़ने की संभावना है, जिनके फंडामेंटल्स अच्छे हैं और ग्रोथ की संभावनाएं बेहतर हैं। अगर आगे अर्निंग्स नहीं बढ़ती है तो स्मॉलकैप स्टॉक्स में बड़ी गिरावट दिख सकती है। BSE Smallcap 250 Index 2020 में क्रैश होने के बाद से लगातार चढ़ा है। अगर जनवरी 2022 और मार्च 2023 के 15 महीनों को छोड़ दिया जाए तो यह इंडेक्स अप्रैल 2023 से ही बढ़ रहा है।
रिस्क को डायवर्सिफाइ करें
शेयरों के मुकाबले बॉन्ड्स में उतारचढ़ाव कम होता है। इससे बाजार में ज्यादा उतारचढ़ाव के दौरान बॉन्ड्स पोर्टफोलियो को स्थिरता देते हैं। इसलिए लंबी अवधि के निवेश में पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाय करना जरूरी है। इसलिए पोर्टफोलियो में फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स को शामिल करना सही रहेगा। खासकर निवेशकों को अपने निवेश के लक्ष्य को ध्यान में रख अपने पोर्टफोलियो में बदलाव करना चाहिए।