Bonus Share: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सोमवार को बोनस शेयर को खाते में जमा करने और कारोबार सुनिश्चित करने के लिए एक समान समयसीमा का प्रस्ताव रखा। सेबी ने कहा कि रिकॉर्ड तिथि के बाद ऐसे शेयरों के टी+2 यानी सौदे वाले दिन के अलावा दो दिन में कारोबार को सक्षम करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए ऐसा जरूरी है।
क्या है डिटेल
इस समय आईसीडीआर (पूंजी जारी करना और खुलासा आवश्यकताएं) नियम बोनस निर्गम के कार्यान्वयन के संबंध में समग्र समयसीमा निर्धारित करते हैं। हालांकि, निर्गम की रिकॉर्ड डेट से बोनस शेयरों को खाते में जमा करने और ऐसे शेयरों के व्यापार के लिए कोई विशिष्ट समयसीमा नहीं है। सेबी ने अपने परामर्श पत्र में कहा, ‘‘इस प्रकार, किसी विशिष्ट दिशानिर्देश के अभाव में समयसीमा के संबंध में असमानता देखने को मिलती है।’’
इस समय बोनस निर्गम के बाद, मौजूदा शेयरों का उसी आईएसआईएन (इंटरनेशनल सिक्योरिटीज आइडेन्टिफिकेशन नंबरिंग सिस्टम) के तहत कारोबार जारी रहता है और नए बोनस शेयर रिकॉर्ड तिथि के बाद 2-7 कार्य दिवसों के भीतर खाते में जमा किए जाते हैं और कारोबार के लिए उपलब्ध होते हैं। सेबी ने प्रस्तावों पर 26 अगस्त तक टिप्पणियां मांगी हैं।
क्या है बोनस शेयर?
बोनस शेयर वे अतिरिक्त शेयर होते हैं जो कोई कंपनी अपने मौजूदा शेयरधारकों को देती है। कंपनियां अपने सहेजे गए रिज़र्व का उपयोग करने, EPS को बढ़ाने और अपनी चुकता पूंजी को बढ़ाने के लिए बोनस शेयर जारी करती हैं। उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि कोई कंपनी 3:1 के रेशियो में बोनस शेयर जारी करती है। इसका मतलब है कि आपको अपने पोर्टफोलियो में हर 1 शेयर के लिए 3 शेयर मिलेंगे। इसलिए अगर आपके पास कंपनी के 100 शेयर हैं, तो आपको 300 बोनस शेयर मिलेंगे।