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Why Sensex-Nifty Crashed: इन पांच वजहों से मार्केट धड़ाम, निवेशक धड़ाधड़ बेच रहे शेयर

Why Sensex-Nifty Crashed: दुनिया भर के बाजारों में आज कोहराम मचा हुआ है। घरेलू मार्केट में भी स्थिति अच्छी ना दिख रही है। इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) आज इंट्रा-डे में टूटकर 78900 और निफ्टी 50 (Nifty 50) भी फिसलकर 23900 के नीचे आ गया है। कुछ ही दिनों पहले दोनों ही इंडेक्स रिकॉर्ड हाई पर पहुंचे थे। सेंसेक्स 1 अगस्त को इंट्रा-डे में 82,129.49 और निफ्टी 25,078.30 की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा था। दो कारोबारी दिनों में ये 4 फीसदी से अधिक टूट गए। सेक्टरवाइज बात करें तो आज निफ्टी के सभी इंडेक्स रेड हैं और मेटल, पीएसयू बैंक, रियल्टी, ऑयल एंड गैस और ऑटो के इंडेक्स तो 4-4 फीसदी से अधिक टूट गए। मार्केट में इस हाहाकार की कई अहम वजह हैं, जिनके बारे में नीचे बताया जा रहा है।

इजराइल-ईरान के बीच बढ़ता तनाव

कुछ दिनों पहले हमास नेता इस्माइल हानिया की ईरान की राजधानी तेहरान में हत्या हो गई थी। इसे लेकर ईरान ने इजराइल को अंजाम भुगतने की धमकी दी। दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका मिडिल ईस्ट में अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ा रहा है। गाजा युद्ध के बाद मिडिल ईस्ट में अमेरिका की यह सबसे बड़ी सैन्य लामबंदी है। इससे पहले भी ईरान ने अप्रैल के मध्य में इजराइल पर हमला किया था लेकिन इस बार दायरा बड़ा हो सकता है क्योंकि इसमें लेबनान का हिजबुल्लाह भी शामिल हो सकता है। हानिया की हत्या के कुछ ही घंटे पहले बेरूत में हिजबुल्लाह के वरिष्ठ कमांडर फुआद शुक्र की हत्या हुई थी। मिडिल ईस्ट में बढ़ती अनिश्चितता के चलते निवेशक घबरा गए हैं और बिकवाली कर रहे हैं।

वैश्विक मार्केट से कमजोर संकेत

ईरान-इजराइल के विवाद ने दुनिया भर के मार्केट को तगड़ा झटका दिया है। इसके अलावा देशों की अपनी-अपनी घरेलू वजहें भी हैं जैसे कि इनफ्लेशन इत्यादि। जापान के निक्केई इंडेक्स में सोमवार को 12 फीसदी से अधिक गिरावट रही और 1987 के ब्लैक मंडे के बाद से यह सबसे बड़ी गिरावट रही। आज भी इसमें 14 फीसदी से अधिक गिरावट है। इसके अलावा एशिया के बाकी मार्केट में स्थिति अच्छी नहीं है। ताइवान का ताइवान वेटेड और दक्षिण कोरिया का कोस्पी 9-9 फीसदी से अधिक, चीन का शंघाई कंपोजिट करीब 2 फीसदी और सिंगापुर का स्ट्रेट टाइम्स 5 फीसदी टूट गया है। यूरोपीय मार्केट और अमेरिकी मार्केट के इंडेक्स भी टूट गए हैं। इन सबने मिलाकर सेंसेक्स और निफ्टी के लिए निगेटिव माहौल तैयार किया।

अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में बढ़ोतरी

अमेरिका में 10 साल की अवधि वाले ट्रेजरी यील्ड में बढ़ोतरी के चलते भी मार्केट में बिकवाली का दबाव बना है। जब ट्रेजरी यील्ड में बढ़ोतरी होती है तो निवेशक स्टॉक मार्केट से पैसे निकालकर इसमें डालते हैं जिससे मार्केट में घबराहट बढ़ती है।

डॉलर की मजबूती

इस समय दुनिया भर में माहौल काफी अनिश्चित है। ऐसे में डॉलर की चमक बढ़ रही है। डॉलर की चमक बढ़ रही है तो रुपया कमजोर हो रहा है जिसके चलते स्टॉक मार्केट में बिकवाली का दबाव दिख रहा है क्योंकि यहां से निवेशक पैसे निकाल रहे हैं।

कंपनियों के कमजोर नतीजे

घरेलू मार्केट में बिकवाली के सिर्फ वैश्विक ही नहीं, घरेलू भी वजहें हैं। इस समय कंपनियां जून तिमाही के नतीजे जारी कर रही हैं। कुछ कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजे के चलते मार्केट में बिकवाली का दबाव बना है। जैसे कि देश के सबसे बड़े बैंक SBI के नतीजे मार्केट की उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहे और जून तिमाही में इसका मुनाफा लगभग फ्लैट रहा। ऑटो सेक्टर की बात करें तो जुलाई में सेल्स के गिरने से इनके शेयरों को लेकर सेंटिमेंट निगेटिव हुआ है।

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