ईरान समर्थक आतंकी संगठन हिजबुल्लाह ने इजरायल के ऊपर रॉकेट की बारिश कर दी है। हमास चीफ इस्माइल हानिया की हत्या के 48 घंटे के भीतर ही हिजबुल्लाह ने इजरायल पर एयर स्ट्राइक कर दी है। हिजबुल्लाह ने लेबनान से उत्तरी इजरायल पर करीब 60 रॉकेट दागे हैं। वहीं इजरायली सेना के मुताबिक इसमें से सिर्फ 5 रॉकेट इजरायली सीमा में घुस पाए हैं। अभी तक इस हमले में किसी के घायल होने या किसी नुकसान की कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
इजरायल की आयरन डोम मिसाइल रक्षा प्रणाली ने लेबनानी समूह की ओर से लॉन्च किए गए कई प्रोजेक्टाइल को रोक दिया है। यह हमला बेरूत में हिजबुल्लाह के कमांडर फुआद शुक्र की हत्या के बाद हुआ है। इस हमले के लिए हिजबुल्लाह ने कहा था कि जवाबी कार्रवाई की जाएगी।
हिजबुल्लाह चीफ के ‘राइट हैंड’ को इजराइल ने मारा
हिजबुल्लाह ने कहा कि उन्होंने मेत्जुबा की उत्तरी इलाके से रॉकेट दागे हैं। इजरायल ने गुरुवार सुबह लेबनान के चमा में एयरस्ट्राइक की थी। इसमें 4 सिरियाई नागरिक मारे गए थे। कई लेबनान के लोग भी घायल हुए थे। इसी हमले के जवाब में गुरुवार देर रात को रॉकेट दागे गए हैं। बता दें कि इजरायल ने 30 जुलाई को लेबनान की राजधानी बेरूत में एयरस्ट्राइक की थी। इसमें हिजबुल्लाह का कमांडर हज मोहसिन उर्फ फुआद शुकर मारा गया था। वह हिजबुल्लाह चीफ नसरल्लाह का सबसे खास माना जाता था। फुआद के बारे में इजराइली आर्मी ने दावा किया था कि वह इजराइल में गोलान हाइट्स पर हमले के लिए जिम्मेदार था। इसके कुछ ही देर बाद हमास चीफ इस्माइल हानिया को भी ढेर कर दिया गया।
मिडिल ईस्ट में बढ़ा तनाव
इजरायल ने हिजबुल्लाह के टॉप कमांडर फुआद शुक्र को मार गिराया है। इसके बाद क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है। जिसके बारे में उसका कहना है कि यह गोलन हाइट्स में हुए हमले के प्रतिशोध में था। जिसमें 12 बच्चे मारे गए थे। आईडीएफ ने एक बयान में कहा कि सबसे सीनियर हिजबुल्लाह सैन्य कमांडर फुआद शुक्र इजराइली हमले में मारा गया है।
अमेरिका ने फुआद पर रखा था बड़ा इनाम
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक फुआद को अल-हज्ज मोहसिन के नाम से भी जाना जाता है। 1983 में बेरूत में अमेरिकी मरीन कॉर्प्स बैरकों पर हुई बमबारी में उसका बड़ा रोल था। इसमें 241 अमेरिकी सैनिक मारे गए थे और 128 घायल हुए थे। फुआद को 2019 में अमेरिका ने इंटरनेशनल टेररिस्ट घोषित किया था। उसके बारे में जानकारी देने पर अमेरिका ने 5 मिलियन डॉलर (करीब 42 करोड़) का इनाम रखा था।