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मार्जिन और एसेट क्वॉलिटी में गिरावट की वजह से प्राइवेट बैंकों के लिए काफी मुश्किल भरा रहा जून क्वॉर्टर

वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में प्राइवेट बैंकों को मार्जिन में कमी, एसेट क्वॉलिटी में गिरावट और एनपीए आदि मुश्किलों का बढ़ोतरी का सामना करना पड़ा। जून 2024 तिमाही के दौरान सीजनल चुनौतियों की वजह से प्राइवेट सेक्टर के बैंकों की परफॉर्मेंस में सुस्ती रही। निजी बैंकों ने नतीजों के बाद मीडिया से बातचीत में इस बात को स्वीकार भी किया है। इसके अलावा, एसेट क्वॉलिटी में गिरावट की वजह से इन बैंकों की प्रोविजिनिंग में भी बढ़ोतरी देखने को मिली। क्रेडिट कार्ड, पर्सनल लोन और एग्रीकल्चर पोर्टफोलियो सेगमेंट में एसेट क्वॉलिटी में गिरावट रही।

अनुमानों की तर्ज नहीं पर रही नेट इंटेरस्ट इनकम

फंडों की कॉस्ट बढ़ने का असर नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) पर देखने को मिला है। कई बैंकों ने NII में साल दर साल आधार पर बढ़ोतरी हासिल की है, लेकिन उनकी परफॉर्मेंस अनुमान के मुताबिक नहीं रही। 9 प्राइवेट बैंकों की एनालिसिस के मुताबिक, NII में सालाना 15.5 पर्सेंट की ग्रोथ देखने को मिली है। HDFC बैंक की NII ग्रोथ 26 पर्सेंट रही, जबकि ICICI बैंक और एक्सिस बैंक इस मामले में पीछे रहे और इनकी ग्रोथ क्रमशः 12 पर्सेंट और 7 पर्सेंट रही। देश के चौथे सबसे बड़े प्राइवेट बैंक कोटक महिंद्रा बैंक की नेट इंटरेस्ट इनकम सालाना आधार पर 10 पर्सेंट की बढ़ोतरी के साथ 6,842 करोड़ रुपये रही, जबकि बैंक की नेट इंटरेस्ट इनकम 7,067 करोड़ रुपये रहने का अनुमान दताया गया था।

 

नेट इंटरेस्ट मार्जिन के मोर्चे पर भी प्रेशर

डिपॉजिट के मोर्चे पर फंड की कॉस्ट बढ़ने से बैंकों को नेट इंटरेस्ट मार्जिन के मोर्चे पर लगातार दबाव का सामना करना पड़ रहा है। मिसाल के तौर पर जून तिमाही में यस बैंक का नेट इंटरेस्ट मार्जिन तिमाही आधार पर फ्लैट यानी 2.4 पर्सेंट रहा। पिछले साल की इसी तिमाही में बैंक का नेट इंटरेस्ट मार्जिन 2.5 पर्सेंट था। बाकी प्राइवेट बैंकों की बात करें, तो जून 2024 तिमाही में HDFC बैंक का नेट इंटरेस्ट मार्जिन 0.60 पर्सेंट की गिरावट के साथ 3.5 पर्सेंट रहा, जबकि ICICI बैंक का मार्जिन 0.42 पर्सेंट गिरकर 4.36 पर्सेंट था। जून 2024 तिमाही में कोटक महिंद्रा बैंक का NIM 0.55 पर्सेंट गिरकर 5.02 पर्सेंट पर पहुंच गया।

एसेट क्वॉलिटी की चिंताएं

जून तिमाही में एसेट क्वॉलिटी के मोर्चे पर भी पिछली तिमाही के मुकाबले दबाव दिखा। HDFC बैंक का ग्रॉस नॉन-परफॉर्मिंग एसेट रेशियो (GNPA) सालाना आधार पर 0.16 पर्सेंट बढ़कर 1.33 पर्सेंट हो गया। इस दौरान एक्सिस बैंक का GNPA 0.11 पर्सेंट की बढ़ोतरी के साथ 1.54 पर्सेंट पर पहुंच गया। इंडसइंड बैंक को भी GNPA के मोर्चे पर दबाव का सामना करना पड़ा और संबंधित अवधि में बैंक का आंकड़ा 0.20 पर्सेंट बढ़कर 2.02 पर्सेंट हो गया।

प्रोविजनिंग कॉस्ट में बढ़ोतरी

जून 2024 तिमाही के दौरान प्राइवेट बैंकों के प्रोविजन में सालाना आधार पर 32 पर्सेट की बढ़ोतरी देखने को मिली। एसेट क्वॉलिटी में गिरावट की वजह से कुछ बैंकों ने इसके लिए ज्यादा फंड अलग से रखा। देश के दूसरे बड़े प्राइवेट बैंक ICICI बैंक के प्रोविजन में तिमाही आधार पर 85.4 पर्सेंट और सालाना आधार पर 3.1 पर्सेंट की बढ़ोतरी रही और यह आंकड़ा 1,332 करोड़ रुपये रहा। इसी तरह, संबंधित अवधि में एक्सिस बैंक और IDFC बैंक का प्रोविजन में क्रमशः 97 पर्सेंट और 118 पर्सेंट की बढ़ोतरी रही। कोटक महिंद्रा बैंक का प्रोविजन 58 पर्सेंट बढ़कर 578 करोड़ रुपये हो गया। HDFC बैंक के प्रोविजन में 9 पर्सेंट का सुधार देखने को मिला और यह 366 करोड़ रुपये रहा।

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