Coal India Production: कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) 89.6 करोड़ टन सालाना क्षमता और 1,33,576 करोड़ रुपये की मंजूर कैपिटल वाले 119 प्रोजेक्ट्स को तेजी से आगे बढ़ा रही है। दुनिया की सबसे बड़ी माइनिंग कंपनी ने अपनी हालिया सालाना रिपोर्ट में कहा कि ये प्रोजेक्ट्स इंप्लीमेंटेशन के कई चरण में हैं और उत्पादन क्षमता बढ़ाने व भविष्य की कोयला मांग को पूरा करने के लिए कंपनी की ‘प्रोएक्टिव स्ट्रेटेजी’ का हिस्सा हैं। कोल इंडिया के शेयरों में बीते शुक्रवार को 3.54 फीसदी की तेजी देखी गई और यह स्टॉक BSE पर 509.45 रुपये के भाव पर बंद हुआ है।
क्या है Coal India का प्लान
कोल इंडिया ने कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए कोई टाइमलाइन नहीं बताई, लेकिन उसने कहा कि इन प्रोजेक्ट्स के विकास में एडवांस माइनिंग टेक्नोलॉजी और इन्फ्रॉस्ट्रक्चर में पर्याप्त निवेश शामिल है, जिसका मकसद प्रोडक्टिविटी बढ़ाना और सस्टेनेबल माइनिंग प्रैक्टिसेज को सुनिश्चित करना है। कोलकाता मुख्यालय वाली कंपनी ने देश की कोयला मांग को पूरा करने और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य का समर्थन करने के लिए 2025-26 तक एक अरब टन का उत्पादन हासिल करने का लक्ष्य रखा है।
FY24 में Coal India का प्रोडक्शन 77.36 करोड़ टन
बीते वित्त वर्ष (2023-24) में कोल इंडिया का प्रोडक्शन 77.36 करोड़ टन रहा था। सीआईएल ने कहा कि 2023-24 में दो करोड़ टन की स्वीकृत क्षमता और 1,783.09 करोड़ रुपये की स्वीकृत पूंजी वाली एक कोयला खनन परियोजना पूरी हो गई है। यह “तय समयसीमा के भीतर बड़े पैमाने पर प्रोजेक्ट्स को एग्जीक्यूट करने की हमारी क्षमता” को दिखाती है। बीते वित्त वर्ष के दौरान 17.04 करोड़ टन प्रति वर्ष की कुल क्षमता और 27,087.69 करोड़ रुपये की कुल स्वीकृत पूंजी वाली 16 कोयला खनन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई।
रिपोर्ट के अनुसार CIL लेटेस्ट इक्विपमेंट, एडवांस एक्सप्लोरेशन और असेसमेंट तकनीक, एफिशिएंट माइन प्लानिंग और विकास को अपना रही है। कंपनी अगले वित्त वर्ष में 3,700 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के उच्च क्षमता वाले उपकरण खरीदने की योजना बना रही है, जिसका उद्देश्य दक्षता बढ़ाने के लिए कोयला उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाना है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 15,500 करोड़ रुपये का कैपिटल एक्सपेंडिचर का लक्ष्य तय किया है।