ब्रोकरेज फर्म एमके ग्लोबल का कहना है कि शेयर बाजार में 5-10 पर्सेंट की गिरावट देखने को मिल सकती है। स्मॉल-कैप और मिड-कैप में गिरावट ज्यादा तेज रह सकती है। एमके का मानना है कि निफ्टी की वैल्यूएशंस एक साल के फॉरवर्ड प्राइस टू अर्निंग रेशियो के मुकाबले 21.4 गुना ज्यादा है और बजट 2024 का पॉजिटिव असर बाजार में पहले ही दिख चुका है। लिहाजा, ब्रोकरेज फर्म को कोई बाजार के लिए कोई अतिरिक्त पॉजिटिव फैक्टर नहीं नजर आ रहा है।
जून तिमाही का अर्निंग सीजन भी कुछ धमाकेदार रहने की उम्मीद नहीं है और ब्याज दरों में कटौती इस कैलेंडर ईयर के आखिर तक ही हो सकेगी। ब्रोकरेज फर्म ने अपने नोट में कहा है कि हाई वैल्यूएशन और लिक्विडिटी की जरूरतों के मद्देजनर शेयर बाजार में कई सेक्टरों में बिकवाली देखने को मिल सकती है। इनमें ऑटो सेक्टर भी शामिल है। ऐसे में स्टेपल्स, एनर्जी और टेक्नोलॉजी सेक्टरों पर दांव लगाया जा सकता है।
बहरहाल, एमके ग्लोबल लॉन्ग टर्म नजरिये से भारत को लेकर पॉजिटिव है। उसका मानना है कि बाजार में यह करेक्शन शेयर बाजार में हिस्सेदारी बढ़ाने का बेहतर अवसर है।,
पॉजिटिव बजट की उम्मीद
एमके ग्लोबल को उम्मीद है कि केंद्र सरकार आगामी बजट में पॉलिसी मोर्चे पर निरतंरता जारी रखेगी। फिस्कल डेफिसिट जीडीपी के 5-5.1% पर रह सकता है और इसमें कैपिटल एक्सपेंडिचर पर फोकस रह सकता है। ब्रोकरेज फर्म ने अपने नोट में कहा है, ‘कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च में बढ़ोतरी की वजह से हमें ज्यादा जोखिम नहीं नजर आता। सरकार को रिजर्व बैंक के डिविडेंड से 2.1 लाख करोड़ रुपये मिले हैं और इससे उसे फिस्कल डेफिसिट और कैपिटल एक्सपेंडिचर, दोनों मोर्चे पर काम करने की आजादी होगी।’