अगर बजट में शेयरों से जुड़े कैपिटल गेन्स टैक्स में कोई प्रतिकूल बदलाव होता है, तो शेयर बाजार में लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद से भी ज्यादा तेज गिरावट देखने को मिल सकती है। इंटरनेशनल ब्रोकरेज फर्म जेफरीज (Jefferies) के ग्लोबल हेड क्रिस वुड का ऐसा मानना है।
वुड ने निवेशकों को दिए गए अपने साप्ताहिक नोट में कहा है कि अगर 23 जुलाई को पेश होने वाले बजट के दौरान लॉन्ग टर्म या शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स में निवेशकों के लिहाज से कोई प्रतिकूल बदलाव होता है, तो शेयर बाजार में लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद से भी ज्यादा तेज गिरावट की आशंका है। हालांकि, उनका कहना था कि कैपिटल गेन्स टैक्स में इस तरह के बदलाव के आसार कम हैं।
वुड ने कहा, ‘यह माना जा रहा है कि चुनाव नतीजों में संख्या बल कम हो जाने की वजह से सरकार की तरफ से ऐसा कदम उठाए जाने की संभावना कम है। हालांकि, अगर यह अनुमान गलत साबित होता है और कैपिटल गेन्स टैक्स में बढ़ोतरी होती है, तो इससेस शेयर बाजार में लोकसभा नतीजों के ऐलान के बाद हुई गिरावट से ज्यादा तेज गिरावट देखने को मिल सकती है।’
वुड का यह भी कहना था कि पिछले कुछ साल में भारत में शेयरों में आई जबरदस्त तेजी के बावजूद भारत अभी भी इक्विटी कल्चर डिवेलप करने के शुरुआती दौर में है। बहरहाल, भारतीय शेयर बाजार पर उनका भरोसा कायम है। उनके मुताबिक, शेयर बाजार में रिटेल इनवेस्टर्स की संख्या बढ़ रही और यह आगे भी जारी रहेगी। वुड के मुताबिक, भारत शेयर बाजार ग्लोबल स्तर पर एक उभरता हुआ बाजार है।
उन्होंने कहा कि बीजेपी द्वारा पूर्ण बहुमत हासिल नहीं करने के बावजूद बाजार की परफॉर्मेंस पर असर नहीं पड़ा है। लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद भले ही शेयर बाजार में एक दिन गिरावट आई, लेकिन इसके बाद तुरंत उछाल देखने को मिलने लगा। उन्होंने कहा, ‘ स्टॉक मार्केट में सिर्फ एक दिन के लिए करेक्शन दिखा और इसके बाद इसमें 13.3 पर्सेंट की तेजी देखने को मिल चुकी है। यह रिटेल इनवेस्टर्स की ताकत को दिखाता है।’