वित्त मंत्रियों के बारे में कहा जाता है कि वे आम तौर पर एक हाथ से देते हैं और दूसरे हाथ से लेते हैं। इस बार बजट से मध्य वर्ग टैक्स दरों में छूट और बेनिफिट की उम्मीद कर रहा है। हालांकि, आशंका यह भी है कि सरकार इसके बदले नागरिकों से मांग भी सकती है- मसलन सिगरेट पर टैक्स बढ़ाया जा सकता है और गेमिंग सेक्टर के लिए किसी भी राहत नहीं दिए जाने का अनुमान है।
बजट में ज्यादातर लोगों की नजरें इंफ्रास्ट्रक्चर, मैन्युफैक्चरिंग और कंजम्प्शन से जुड़े अपडेट पर होंगी। बहरहाल, कुछ एक्सपर्ट्स को इस बात का भी इंतजार है कि चुनाव बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पहले बजट में शराब, तंबाकू और गेमिंग सेक्टरों के लिए किस तरह की घोषणाएं होंगी।
क्या चाहती है इंडस्ट्री
इस बात को लेकर चर्चा है कि सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों को लेकर एक्साइज ड्यूटी या NCCD ड्यूटी में बढ़ोतरी हो सकती है। एसोसिएटेड अल्कोहल एंड ब्रूवरीज के तुषार भंडारी ने बताया, ‘अल्कोहल सेगमेंट के लिए राज्यों में ज्यादा स्टैंडर्ड टैक्स स्ट्रक्चर बनाने की जरूरत है और इसके कंजम्प्शन को लेकर भी जिम्मेदारी रवैये के हिसाब से पहल करने की जरूरत है, ताकि इस सेक्टर की संभावनाओं का पूरी तरह से इस्तेमाल हो सके।’ उनका कहना था कि लाइसेंस प्रोसेस को बेहतर बनाने और इनोवेशन संबंधी अन्य उपायों से इस सेक्टर में उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा।
पिछले महीने चर्चा थी गेमिंग फर्मों के टैक्स के आकलन को जीएसटी काउंसिल थोड़ा उदारवादी रवैया अपना सकती है। इससे इन कंपनियों के शेयरों में तेजी देखने को मिली थी। ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री, खिलाड़ियों द्वारा जमा की गई कुल रकम के बजाय ग्रॉस गेमिंग रेवेन्यू (GGR) पर 28% जीएसटी की मांग कर रही है। हालांकि, काउंसिल ने फिलहाल इंडस्ट्री को निराश करते हुए इससे इनकार कर दिया है।
इन शेयरों पर रह सकती है नजर
एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी के आसार के बीच बजट के दिन ITC, गॉडफ्रे फिलिप और VST इंडस्ट्रीज जैसी तंबाकू उत्पाद कंपनियों पर नजर रह सकती है। हालांकि, ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल का मानना है कि एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी का अनुमान नहीं है। अगर गेमिंग स्पेस के टैक्स स्ट्रक्चर में कोई बदलाव होता है, तो नजारा टेक और डेल्टा क्रॉप के शेयरों में बड़े पैमाने पर हलचल देखने को मिल सकती है।