Tata Tech Share Price: टाटा टेक्नोलॉजीज के जून तिमाही के नतीजे कमजोर रहे। कंपनी का रेवेन्यू ग्रोथ और मार्जिन बाजार के अनुमानों से कम रहा। कॉन्स्टैंट करेंसी के टर्म में, कंपनी का रेवेन्यू तिमाही आधार पर 1.9 फीसदी घटकर 15.21 करोड़ डॉलर रहा है। वहीं ऑपरेटिंग प्रॉफिट यानी EBITDA 18.2 फीसदी रहा, जो मार्च तिमाही से थोड़ा कम था। आउटसोर्सिंग, कंसल्टेंसी चार्जेज और एंप्लॉयी लागत पर फोकस से कंपनी को मार्जिन बनाए रखने में मदद मिली। टाटा टेक ने 5 नई डील्स हासिल की। इसमें से 2 कमर्शियल व्हीकल के लिए, 1 बैटरी के लिए और एक डील एयरोस्पेस सेक्टर में मिली है। कंपनी ने इंडस्ट्री के स्तर पर किसी भी तरह की चुनौती का संकेत नहीं दिया है और उम्मीद है कि मार्जिन को बनाए रखते हुए दूसरी तिमाही से कंपनी के रेवेन्यू में तिमाही आधार पर भी तेजी देखने को मिलेगी।
कर्मचारी बढ़ाने की गति धीमी
टाटा टेक के कर्मचारियों की संख्या में पिछली तिमाही के मुकाबले कमी आई है। कंपनी ने कर्मचारियों के यूटिलाइजेशन पर जोर दिया है और कहा कि भविष्य में कर्मचारियों की संख्या में इजाफा जरूरतों के मुताबिक किया जाएगा। एट्रिशन रेट भी पहले ही कम हो चुका है और धीमी हुई प्रोजेक्ट्स के कर्मचारियों को दूसरे प्रोजेक्ट्स में तैनात किया जा रहा है। जून तिमाही के दौरान इसका यूटिलाइजेशन 86.5 प्रतिशत था, जो कंपनी के मुताबिक उचित स्तर है।
विनफास्ट का असर पीछे छूटा
विनफास्ट के असर के बाद, कंपनी का सर्विस रेवेन्यू ग्रोथ तिमाही आधार पर 1 फीसदी बढ़ा, जिसका ग्रुप के रेवेन्यू पर करीब 2 फीसदी का असर पड़ा। आने वाली तिमाहियों में इसका इसका वित्तीय सेहत पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा। बता दें कि विनफास्ट, वियतनाम की एक इलेक्ट्रिक कार कंपनी है। यह टाटा टेक के 5 सबसे बड़े क्लाइंट्स में से एक थी। हालांकि पिछले साल से कंपनी वित्तीय संकटों में घिरी हुई है।
एजुकेशन बिजनेस में अच्छी ग्रोथ
कंपनी के टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस सेगमेंट में 7.4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। इसके पीछे कई वैल्यू-एडेड प्रोडक्ट्स पर सीजनल असर को वजह बताया गया। हालांकि दूसरी ओर एजुकेशन वर्टिकल तिमाही आधार पर 4 फीसदी बढ़ा है। कंपनी को मौजूदा पाइपलाइन के चलते आगे भी इसमें अच्छी ग्रोथ की उम्मीद है।
कंपनी का आउटलुक
टाटा टेक लगातार ग्रोथ के मामले चुनौतियों से जूझ रहा है। कंपनी के पास नई डील पाने की संभावनाएं अच्छी है, लेकिन इनके रेवेन्यू में बदलने की गति धीरे रहने की उम्मीद है। HCL टेक के मैनेजमेंट ने हाल ही में ऑटोमोटिव ER&D सेगमेंट में कुछ चुनौतियों का संकेत दिया है। हालांकि टाटा टेक इस नजरिए से सहमत नहीं है, लेकिन निकट भविष्य में इस क्षेत्र के लिए कुछ चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों की उम्मीद है।
कंपनी के मैनेजमेंट ने एयरबस प्रोजेक्ट के दम पर एयरोस्पेस सेगमेंट में अच्छे प्रदर्शन का संकेत दिया है। इसके अलावा, कंपनी ने यह भी बताया कि कमर्शियल व्हीकल सेगमेंट में SDV (सॉफ्टवेयर-डिफाइन्ड व्हीकल) को अपनाना शुरू हो गया है, और कंपनी ने इस सेगमेंट में 2 डील हासिल की है।
हमारा अनुमान है कि प्रमुख सेगमेंट टाटा टेक को मिले नए डील से हाल ही में हुए नुकसान की भरपाई होने की संभावना है। हालांकि, टोटल कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू (TCV) के रेवेन्यू में बदलने की रफ्तार धीरे रहने वाली है। हमने FY25-26 के लिए कंपनी के रेवेन्यू अनुमानों में कटौती की है और अब इसके रेवेन्यू और अर्निंग प्रति शेयर (EPS) के क्रमश: 11 प्रतिशत और 14.4 प्रतिशत CAGR रहने का अनुमान लगाया है।
टाटा टेक का वैल्यूएशन
टाटा टेक मौजूदा बाजार भाव अपने वित्त वर्ष 2026 के अर्निंग अनुमान के 47.3x पीई पर कारोबार कर रहा है, जो हमारे नजरिए से थोड़ा महंगा वैल्यूएशन है। इसलिए निवेशक स्टॉक में नया निवेश करने से पहले इंतजार कर सकते हैं।
प्रमुख जोखिम
कंपनी का बड़े ग्राहकों पर अधिक ध्यान और OEM व टियर-1 सप्लायर्स की ओर से ऑटोमोटिव ERD खर्च में कटौती, टाटा टेक के लिए अहम जोखिम साबित हो सकता है।