IOCL Share Price: भारत की ऑयल सेक्टर की कंपनियों में इन दिनों शानदार परफॉर्मेंस देखने को मिल रही है। Nifty Oil and Gas सेक्टर ने इस साल में अब तक यानी ईयर टु डेट(YTD) 37.85% का रिटर्न दिया है। इस बीच PSU सेक्टर की कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (IOCL) ने कल एक्सचेंजों को जानकारी दी कि कंपनी ने डिबेंचर के जरिये 2,500 करोड़ रुपये जुटाए हैं।
इस ऑयल रिफाइनरी कंपनी के पिछले कारोबारी दिन के शेयरों की प्राइस (IOC Share Price) देखा जाए तो इसके शेयर NSE पर 0.59 % फीसदी की बढ़त के साथ सपाट पर बंद हुए। कंपनी के शेयर 1 अंक की बढ़त के साथ 170.70 रुपये पर बंद हुए थे। जबकि ओवरऑल, ऑयल एंड गैस सेक्टर की बात करें तो Nifty Oil and Gas में पिछले कारोबारी दिन 21.15 अंकों के साथ 0.16 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी।
आज IOCL के शेयरों में कोई बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मोहर्रम के कारण शेयर बाजार बंद है। मगर एक साल का डेटा देखा जाए तो IOCL के शेयरों ने 97 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया है। यानी अगर निवेशकों ने 1 लाख रुपये का निवेश IOCL के शेयरों में किया होगा तो उन्हें 97 फीसदी का मुनाफा मिला होगा। वहीं, 6 महीने में IOCL के शेयरों ने 28 फीसदी और 1 महीने में करीब 5 फीसदी का रिटर्न दिया है।
कंपनी के शेयरों पर निवेशकों का क्या रिस्पांस रहेगा, इसके लिए अभी कुछ दिन का और इंतजार करना पड़ सकता है। क्योंकि IOCL 30 जुलाई 2024 को वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही का परिणाम (IOCL Q1 Results 2025) जारी करेगी। कंपनी की फाइनेंशियल परफॉर्मेंस निवेशकों के लिए काफी मायने रखती है।
IOCL की शेयर प्राइस में उछाल की क्या हो सकती है वजहें, आइये जानते हैं…
डिबेंचर के जरिये जुटाए 2,500 करोड़ रुपये
IOCL ने शेयर बाजार को बताया कि इश्यू के माध्यम से जुटाए गए फंड का उपयोग मौजूदा उधार की रीफाइनेंशिंग और/या कंपनी के पूंजीगत खर्च (Capex) की फंडिंग के लिए किया जाएगा, जिसमें पहले से किए गए खर्च की भरपाई और/या बिजनेस के अन्य उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।
IOCL ने शेयर बाजार को बताया कि उसने 16 जुलाई 2024 को प्राइवेट प्लेसमेंट के आधार पर 2,500 करोड़ रुपये मूल्य के 2.5 लाख अनसिक्योर्ड, लिस्टेड, रेटेड, टैक्सेबल, रिडीमेबल, नॉन कनवर्टिबल डिबेंचर जारी किए हैं।
मिलीं दो बोलियां
इकनॉमिक टाइम्स (ET) ने कल यानी 16 जुलाई को सूत्रों का हवाले से बताया था कि इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOCL) को हरियाणा के पानीपत में कंपनी की रिफाइनरी में देश का पहला ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट बनाने के लिए केवल दो बोलियां मिली हैं। प्रोजेक्ट के लिए दूसरे टेंडर के लिए बोलियां लगाई गईं। पहले वाले को प्रेफेरेंसियल ट्रीटमेंट के आरोपों के कारण रद्द कर दिया गया था।
बोलीदाताओं में से एक GH4India है, जो ग्रीन हाइड्रोजन, इसके डेरिवेटिव और संबंधित रिन्यूबल एसेट्स को डेवलप करने के लिए IOC, ReNew और इंजीनियरिंग दिग्गज लार्सन एंड टुब्रो (L&T) का एक जॉइंट वेंचर है।
मौजूदा सरकार का मिल रहा सपोर्ट
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आज यानी 17 जुलाई को भारत के एनर्जी सेक्टर की विदेशी संपत्तियों (overseas assets) की समीक्षा की, जिसमें भारतीय PSU की विदेशी शाखाएं शामिल हैं। इनमें प्रमुख रूप से ONGC विदेश लिमिटेड (OVL), इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL), ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL), भारत पेट्रोरिसोर्सेज लिमिटेड (BPRL), गेल इंडिया (GAIL India) और प्राइज पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PPCL) शामिल हैं।
पुरी ने कहा कि प्रदर्शन का आकलन करके और नए अवसरों की खोज करके, हम पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के लिए सतत विकास और ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।’
आईओसीएल क्या है
बता दें कि इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOCL) एक भारत सरकार के स्वामित्व वाली तेल और गैस एक्सप्लोरर और प्रोड्यूसर है। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन का वित्त वर्ष 25 की अप्रैल-जून तिमाही का परिणाम (IOCL Q1FY25 Results) 30 जुलाई 2024 को आना है। ऐसे में पिछले वित्त वर्ष की फाइनेंशियल परफ़ॉर्मेंस देखी जाए तो 31 मार्च 2024 तक, भारत सरकार के पास कंपनी में 51.50% हिस्सेदारी थी।
IOCL ने Q4 FY23 के मुकाबले Q4 FY24 ऑपरेशन से रेवेन्यू 2.47% की गिरावट के साथ 1,97,978.23 करोड़ रुपये दर्ज किया था। IOCL का स्टैंडअलोन नेट मुनाफा (IOCL Net profit) 51.90% की गिरावट के साथ 4,837.69 करोड़ रुपये की गिरावट पर दर्ज किया गया था।